झारखंड की आवाज

बाबा मंदिर का आपातकालीन निकास द्वार जर्जर -

बाबा मंदिर का आपातकालीन निकास द्वार जर्जर

आपदा से कैसे निबटेगा मंदिर प्रशासन ?

देवघर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 29 जनवरी को हुई भगदड़ के बाद देश के सभी धार्मिक स्थलों पर तैयारी को लेकर प्रशासन मुस्तैद है। वहीं वैद्यनाथ मंदिर आपातकालीन निकास द्वारा विभिन्न तरह के अतिक्रमण से बंधा हुआ है।

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फुट ओवर ब्रिज में अप्राकृतिक आपदा जैसे यात्रियों का अचानक तबियत बिगड़ना, यात्रियों के बीच धक्का मुक्की, मारपीट , फुट ओवर ब्रिज में कंपन आदि आपदाओं से बचाव के दौरान यात्रियों को उताने की व्यवस्था को लेकर बनाए गए हैं । लेकिन वर्तमान हालत को देखकर इस पर सवाल उठ रहे हैं। मानसरोवर से बाबा मंदिर संस्कार भवन और शीघ्र दर्शनम को लेकर बने ब्रिज में आपातकालीन सीढ़ी लगाई गई है। जिसका उपयोग आपदा के समय यात्रियों को बचाव कर उतारने के लिए बनाया गया है लेकिन वर्तमान में यह तार के बंडलों से अतिक्रमण किया हुआ है।

आपदा में इस आपद्कालीन व्यवस्था से उतारना बाबा मंदिर प्रबंधन व जिला प्रशासन के लिये एक बड़ी समस्या बन सकती है। दरअसल मान सरोवर से बीआइपी गेट तक फुट ओवर ब्रीज से यात्रियों के बचाव को लेकर दो आपातकालीन सीढी बनाई गयी है जिसमें एक सीढी को फुटकर दुकानदारों के द्वार दुकान लगा दिया गया है, वही दुसरी सीढी जर्जर स्थिति में है, इसके साथ ही शीघ्र दर्शनम के लिये लगने वाले फुट ओवर ब्रिज से लेकर टी पॉइंट तक आपदा से यात्रियो को निकालने दुकानदार द्वारा अतिक्रमण किये गए हैं ।

रास्ते वाले सीढी पर बिजली के तार व केवल से जाम कर दिया गया है। ज्ञात हो कि आने वाले दिनों में बाबा मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है।

वसंत पंचमी और महाशिवरात्रि में लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर स्थानीय पुरोहितों की माने तो 3 फरवरी बसंत पंचमी व तिल्कोत्सव, 24 फरवरी पंचशुल उतारने की परंपरा, 26 फरवरी महाशिवरात्री पर लाखों की संख्या में यात्री बाबा दरबार पहुंचते है, जिससे बाबा मंदिर फुट ओवर ब्रिज व गर्भ गृह में जाम की स्थिति बन जाती है, जिससे भगदड व धक्का मुक्की की नौबत बन सकती है। इसको लेकर मंदिर प्रशासन पर सवाल उठना लाजिमी होगा कि आपातकालीन स्थिति में श्रद्धालुओं को कैसे निकाला जाएगा ।

2012 से अब तक (जनवरी 2025 ) में लगभग 500 लोगों की मौत हुई है

कब कहां हुई भगदड़ और कितने की मौत

झारखंड : 10 अगस्त 2015: देवघर के बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर में वर्ष 2015 में भगदड़ मची थी जिसमें 11 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी। 10 पुरुष 1 महिला की मौत हुई थी। बैद्यनाथ धाम मंदिर में पूजा करने के लिए श्रद्धालु देर रात से ही लाइन में लगा हुआ था।

लाइन लगने के होड़ में ही श्रद्धालुओं में खींच तान हो रहा था इसी बीच पुलिस जवान ने लाठियां भांजना शुरू कर दिया जिससे भगदड़ मच गई और 11 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। उस दिन करीब डेढ़ लाख श्रद्धालु मंदिर पहुंचे थे।

उत्तर प्रदेश : 2 जुलाई 2024: हाथरस में स्वघोषित बाबा, भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरी के ‘सत्संग’ (प्रार्थना सभा) के दौरान भगदड़ मचने से 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे।

मध्यप्रदेश : 31 मार्च 2023: इंदौर शहर के एक मंदिर में राम नवमी के अवसर पर आयोजित ‘हवन’ कार्यक्रम के दौरान एक प्राचीन बावड़ी की छत गिरने से कम से कम 36 लोगों की मौत हो गई।

13 अक्टूबर 2013: पुल गिरने की अफवाह के कारण प्रदेश के दतिया जिले में रतनगढ़ मंदिर के पास नवरात्रि उत्सव के दौरान भगदड़ मचने से 115 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक घायल हो गए।

जम्मू कश्मीर : 1 जनवरी 2022: जम्मू और कश्मीर के प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी मंदिर में भारी भीड़ के कारण भगदड़ मचने से कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हो गए।

आंध्र प्रदेश : 14 जुलाई 2015: प्रदेश के राजमुंद्री में गोदावरी नदी के किनारे ‘पुष्करम’ महोत्सव के पहले दिन एक प्रमुख स्नान स्थल पर भगदड़ मचने से 27 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हुए थे ।

बिहार : 3 अक्टूबर 2014: पटना के गांधी मैदान में रावण दहन के कार्यक्रम में भगदड़ मचने से 32 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए थे ।

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