प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज महाकुंभ में 28 जनवरी की देर रात श्रद्धालु मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के लिए पहुंचने लगे। महाकुंभ के संगम नोज से पहले बैरिकेडिंग लगी थी। सभी सड़के ब्लॉक की गई थी । भीड़ पीछे से आती रही और करीब आधा किलोमीटर का रास्ता चोक हो बन गया तभी अफवाह उड़ी कि नागा साधु स्नान के लिए आने वाले हैं। ये सुनते ही भीड़ बेकाबू हो गई। बैरिकेडिंग तोड़कर लोग आगे भागने लगे।

इसमें जो गिरा उठ नहीं पाया। भीड़ उसे कुचलती चली गई। और कितने लोगों की मौत हुई इसको लेकर अभी भी सवाल उठ रहे हैं। कितने लोगों की मौत हुई और कितने घायल इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने घोषणा किया कि सभी सरकारी गैर सरकारी अस्पताल मरीजों को भर्ती करेंगे कोई मरीज को वापस नहीं करेंगे सरकार इलाज का खर्च उठाएगी। यह बयान इसलिए जारी करना पड़ा होगा जब मरीजों को भर्ती नहीं लिया जाने की शिकायतें मिली होगी।
सरकार की सिस्टम हुई फैल तो मुस्लिम बना मददगार
महाकुंभ में जब मोनी अमावस्या के दिन भगदड़ मची तो सरकार के सारे सिस्टम फैल हो गई। और भीड़ बेकाबू हो गए सभी लोग अपनी जान बचाने में जुट गए। वही अगले दिन प्रयागराज पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की एंट्री रोक दी गई महा कुंभ से पहले ही जहां तहां रुकने लगे। जो जहां तक पहुंचा था, उसे वहीं रोका गया।

29 जनवरी को जनसेनगंज रोड समेत दर्जनों से ज्यादा इलाकों के मुस्लिमों समुदाय के लोगों ने बड़ा दिल दिखाया। 25 – 26 हजार श्रद्धालुओं के लिए मजार दरगाह इमामबाड़ा मस्जिद और अपने घरों के दरवाजे हिन्दू श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए। इतना ही नहीं लोगों के रुकने की व्यवस्था के साथ उन तक भोजन और चाय-पानी पहुंचाने का भी काम किया जिन्हें दवा की जरूरत थी उन्होंने दवा भी उपलब्ध कराया गया ।
पहले के कुंभ में अपना व्यवसाय करते थे लेकिन अब वह दिन नहीं रहा
प्रयागराज के मुस्लिम समुदाय के लोग कहते हैं कि इस बार कारोबार से दूरी बनाई है प्रयागराज में होने वाले माघ मेला, अर्द्धकुंभ और महाकुंभ में अब तक हजारों मुस्लिमों का कारोबार होता था। दुकानें लगती थीं। इस बार ऐसा देखने को नहीं मिल रहा। सुनने में आ रहा है कि मुस्लिमों पर रोक लगाई गई है।

इसलिए हमलोग दूरी बनाए है। लेकिन प्रयागराज में गंगा जमुना तहजीब बरकरार रहेगी। हमलोग मिलकर रहेंगे बाहर से आए श्रद्धालुओं को हर संभव मदद करने का काम करेंगे।