देवघर कोर्ट परिसर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इसमें 16 बेंचों के माध्यम से 92588 मामलों का सुलह के आधार पर निष्पादन किया गया।

साथ ही विभिन्न मामलों में 32, 21, 47,878 रुपयों पर समझौता तय हुआ व लाखों रुपये की वसूली हुई। मामलों की सुनवाई के लिए अलग-अलग 16 बेंच गठित किए गए थे, जिसमें न्यायिक पदाधिकारियों के अलावा डालसा से जुड़े अधिवक्ता व न्यायालय के लोक अदालत में मौजूद डालसा से जुड़े अधिवक्ता, कर्मचारी व अन्य कर्मचारी मौजूद थे। इस अवसर पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत पक्षकारों का सुलह का सबसे सरल माध्यम है। लोक अदालत में दोनों पक्ष आते हैं व आपसी सहमति से मुकदमों का निष्पादन कराते हैं, जिससे दोनों पक्षों के बीच सौहार्द बना रहता है ।
राष्ट्रीय लोक अदालत से न्यायालय में बढ़ रहे मुकदमों का बोझ कम होगा
डालसा सचिव एसएन बारा ने कहा कि लोक अदालत हर माह लगती है, जबकि हर तीन माह में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन होता है, जिसमें व्यापक पैमाने पर मामलों का निष्पादन होता है। इससे न्यायालय में बढ़ रहे मुकदमों का बोझ कम होता है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत में पक्षकारों को राजी करने में अधिवक्ताओं की महती भूमिका रहती है। व्यापक पैमाने पर मामलों के निष्पादन हुआ, जो जागरूकता का प्रतीक है। जो मामले हुए निष्पादित राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से सबसे अधिक 43,458 रेवेन्यू के केस निष्पादित किए गए। पश्चात क्रिमिनल निष्पादित हुए मामले रेवेन्यू केस संख्या 43,458 अन्य मामले 36,490 वाटर बिल 1,820 जमीन अधिग्रहण 469 बैंक ऋण 388 बिजली चोरी के केस 240 चेक बाउंस केस 55 मेट्रीमोनियल केस 17 क्लेम केस 1 कुल 92,588 कंपाउंडेबुल के 36,490 मामलों में सुलह हुआ। अन्य मुकदमों की संख्या 9,651 हैं। मोटर एक्सीडेंट क्लेम के एक केस का निष्पादन किया गया और दावाकर्ताओं को पांच लाख रुपये का चेक दिया गया।