रांची। झारखंड में आज से गुटखा और पान मसाला की बिक्री पर बैन लग गया है। गुटखा बेचने पर कानूनी कार्रवाई होगी।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी है।
मंत्री ने पहले ही कहा था राज्य में गुटखा पर लगेगा प्रतिबंध
स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने कैंसर दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान स्पष्ट कर दिया था कि राज्य में गुटखा पर प्रतिबंध लगेगा क्योंकि राज्य में कैंसर फैलने का सबसे बड़ा कारण गुटखा बना हुआ है। इसकी वजह से युवाओं की जिंदगी बर्बाद हो रही है। गुटखा और पान मसाला पर अधिसूचना निर्गत होने की तारीख से एक साल लिए बैन लगाया गया है। इस आदेश के साथ झारखंड में गुटखा बनाने, स्टोरेज करने, बेचने और वितरण करने पर पूरी तरह से रोक लग गई है। दिलवान नोटिफिकेशन के मुताबिक जर्दा ( टोबैको) या निकोटिन युक्त गुटखा और पान मसाला बेचने पर कार्रवाई होगी। आम लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट, 2006 के सेक्सन 30 ( 2 ) ( ) और फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स (प्रोहिबिशन एंड रिस्ट्रिक्सन ऑन सेल्स) रेगुलेशन, 2011 के रेगुलेशन 2,3, और 4 के तहत एक साल के लिए बैन लगाया गया है।
एक लाख की आबादी पर करीब 70 लोग कैंसर पीड़ित
एसीएस-कम-फूड सेफ्टी कमीश्नर अजय कुमार सिंह ने आदेश जारी करते हुए निदेशक, पीआरडी को अखबारों के माध्यम से तीन दिनों तक नोटिफिकेशन को पब्लिश कराने को कहा है ताकि आम लोगों को इससे अवगत कराया जा सके। आंकड़ों के मुताबिक झारखंड में ओरल कैंसर पीड़ित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसकी वजह है गुटखा. राज्य में एक लाख की आबादी पर करीब 70 लोग कैंसर पीड़ित हैं। इनमें 40- 45 मरीज तंबाकू और गुटखा की वजह से ओरल कैंसर से पीड़ित हैं. आपको बता दें कि जून 2022 में तत्कालीन सीएम हेमंत सोरेन की पहल पर पान मसाला के 11 ब्रांडों पर एक साल के लिए प्रतिबंध लगाया गया था।
पान मसाला पर 8 मई 2020 को बैन लगा था
इससे पहले पान मसाला के नमूनो की जांच में मैग्निशियम काबोर्नेट मिलने पर 8 मई 2020 को बैन लगा था. तब से इसको विस्तार दिया जाता रहा. लेकिन 2023 से यह मामला पेंडिंग पड़ा था। इसकी वजह से राज्य में खुलकर गुटखा की बिक्री होने लगी थी।