राँची झारखंड विधानसभा में आज कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने राज्य में अस्पतालों में खून की कमी के गंभीर मुद्दे को उठाया।

उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में ब्लड की किल्लत एक बड़ी समस्या बन गई है, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि राज्य में रक्तदाताओं की कमी नहीं है। उनके अनुसार, रक्तदाताओं का उत्साह बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है, जो अभी तक सरकार की प्राथमिकता में नहीं दिखाई देता। प्रदीप यादव ने सदन में बताया कि आज से 25 साल पहले रक्तदान करने के बाद डोनर्स को रिफ्रेशमेंट के लिए दी जाने वाली सामग्री का रेट 25 रुपये तय किया गया था, और आज भी यह राशि वही है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “महंगाई के इस दौर में 25 रुपये में तो एक बोतल पानी भी नहीं मिलता।” इसके अलावा, उन्होंने पिछले 6 साल से ब्लड डोनर कार्ड नहीं बनने की समस्या को भी उजागर किया। यादव ने कहा कि अगर किसी डोनर ने कहीं रक्तदान किया और बाद में उसे खुद खून की जरूरत पड़ी, तो डोनर कार्ड न होने के कारण उसे ब्लड नहीं मिल पाता। इससे रक्तदाता हतोत्साहित होते हैं, जिसका नतीजा यह है कि आज अस्पतालों में खून की कमी हो रही है।उन्होंने सरकार से मांग की कि रिफ्रेशमेंट सामग्री की राशि को कम से कम 100 रुपये किया जाए, जैसा कि कई अन्य राज्यों में प्रचलन में है। साथ ही, डोनर कार्ड बनवाने की प्रक्रिया को तुरंत शुरू करने और इसे नियमित करने की बात कही। यादव ने एक और महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया कि पहले रक्तदान के लिए जागरूकता बढ़ाने और डोनर्स को प्रोत्साहित करने के लिए एक वॉल्वो बस चलाई जाती थी, जो अब बंद पड़ी है। उन्होंने इस बस को ठीक करवाकर फिर से शुरू करने की मांग भी रखी।प्रदीप यादव की यह पहल न सिर्फ रक्तदान से जुड़ी समस्याओं को उजागर करती है, बल्कि सरकार से त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की अपील भी करती है। उनके इस बयान से विधानसभा में इस मुद्दे पर चर्चा की उम्मीद जगी है, और अब सबकी नजर सरकार के जवाब और कार्रवाई पर टिकी है।