देवघर झारखंड राज्य स्वास्थ्य सेवा संघ (झासा ) का प्रथम संथाल परगना प्रमंडलीय बैठक एक निजी होटल में आयोजित किया गया।

बैठक में डॉ धन्वंतरि तिवारी ने कहा कि आई एम ए एवं झासा को संयुक्त रूप से संगठित होने की जरूरत है तभी दोनों संगठन और संगठन के सदस्य मजबूत रहेंगे और तभी सरकार या विभाग हमारी मांगों के प्रति गंभीर होगी। उन्होंने यह भी कहा कि आज घटनाएं हुई है जिसमें डॉ कुंदन के साथ उनके निजी क्लीनिक में मारपीट की गई है उसकी घोर निंदा करता हूं साथ अगर आरोपित को जल्द से जल्द गिरफ्तार नहीं किया गया तो संगठन आंदोलन के लिए बाध्य होगी डॉ ठाकुर मृत्युंजय ने कहा कि सरकार बेवजह चिकित्सकों को biomatric उपस्थिति को ले कर जान बुझ कर फंसाया जाता है ताकि सदस्य इसी में उलझा रहे और जो भी हमारी जायज मांगे है उसको टाला जा सके। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र और बिहार के तर्ज पर डी ए सी पी देय के अवधि का अंतराल रहे, उन्होंने यह भी कहा कि संगठन प्रतिबद्ध है कि लंबित डी ए सी पी एवं सेवा संपुष्टि के लिए प्राथमिकता के आधार पर कार्य करेगी।
बोकारो एवं गोड्डा जिला में उपायुक्त के आदेश पर face recognition उपस्थिति पोर्टल बनाया गया है
राज्य सचिव द्वारा यह भी कहा गया कि बोकारो एवं गोड्डा जिला में उपायुक्त के आदेश पर face recognition उपस्थिति पोर्टल बनाया गया है इस आदेश का संगठन विरोध करती है,उन्होंने कहा कि जो दन्त चिकित्सक पी जी कर चुके है और कार्यरत है उनको विशेषज्ञ चिकित्सक का कैडर बनाया जाय।देवघर के सिविल सर्जन सह संगठन के संरक्षक डॉ जुगल किशोर चौधरी ने कहा कि 24 में से देवघर सहित सिर्फ 5 जिलों में ही ओ पी डी में नई समय सारिणी के अनुसार मरीज को ओ पी डी में इलाज किया जाता है जबकि सभी 24 जिलों के लिए यह आदेश निकाला गया था।उन्होंने कहा कि नई समय सारिणी से मरीजों को इलाज कराने में बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
सरकार बायोमैट्रिक उपस्थिति को वेतन से नहीं जोड़े
राज्य संरक्षक डॉ पी पी साह ने कहा कि सरकार बायोमैट्रिक उपस्थिति को वेतन से नहीं जोड़े, कुछ जिलों में उपायुक्त द्वारा इसे वेतन से जोड़ा गया है जहां उसके खिलाफ संगठन मजबूती से अपनी बात रख रही है और उपायुक्त को अपना आदेश वापस लेना पड़ता है। संगठन के राज्य अध्यक्ष डॉ बिमलेश सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि संगठन लंबित डी ए सी पी एवं सेवा संपुष्टि के लिए प्रयास करेगी, साथ ही उन्होंने कहा कि दन्त चिकित्सकों की सेवा नियमावली में बदलाव कर उनको बिहार के तर्ज पर चार डी ए सी पी मिले और सामान्य चिकित्सकों के तर्ज उनकी रिटायरमेंट की उम्र सीमा भी 65 वर्ष से बढ़ा कर 67 वर्ष करे।

साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत चिकित्सकों को जल्द से जल्द नई एच आर पॉलिसी सरकार लागू करे।बैठक के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय आई एम ए के उपाध्यक्ष सह देवघर जिला झासा के अध्यक्ष डॉ धन्वंतरि तिवारी थे।