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दिव्यांगता प्रमाण पत्र के लिए सदर अस्पताल में लगा शिविर प्रत्येक महीना इस दिन लगता है शिविर -

दिव्यांगता प्रमाण पत्र के लिए सदर अस्पताल में लगा शिविर प्रत्येक महीना इस दिन लगता है शिविर

कुल 68 फाइलेरिया मरीजों की यूडीआईडी कार्ड के लिए हुई जांच

देवघर शहरी क्षेत्र से 15, मोहनपुर से 12, देवीपुर से 15, पालाजोरी से 18 और जसीडीह के 8 मरीज पहुंचे दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनवाने

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देवघर फाइलेरिया मरीजों के दिव्यांगता प्रमाण पत्र के लिए सोमवार को सदर अस्पताल में जांच शिविर का आयोजन किया गया। विकलांगता शिविर में कुल देवघर शहरी क्षेत्र के अलावे जिले के तीन प्रखंडों से कुल 68 फाइलेरिया मरीज जांच के लिए पहुंचे।

प्रत्येक माह के 21 तारीख को सदर अस्पताल में शिविर का आयोजन किया जाता है।

ज्ञातव्य हो कि सिविल सर्जन, देवघर डॉ. जे.के. चौधरी के निर्देशानुसार जिले में फाइलेरिया मरीजों व अन्य हेतु दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए प्रत्येक माह के 21 तारीख को सदर अस्पताल में शिविर का आयोजन किया जाता है। इसी मुहिम को आगे बढ़ाते हुए 21 अप्रैल को डॉ. अमरीश ठाकुर व दल की देखरेख में जिले के देवघर सदर प्रखंड के अलावे मोहनपुर, देवीपुर और पालाजोरी के कुल 68 फाइलेरिया मरीजों की दिव्यांगता प्रमाण पत्र प्रदान करने के उद्देश्य ये बीमारी की जांच की गयी। इस दौरान देवघर शहरी क्षेत्र से 15, मोहनपुर से 12, देवीपुर से 15 और पालाजोरी से 18 और जसीडीह के 8 फाइलेरिया मरीज जांच के लिए पहुंचे। डॉ. अमरीष ठाकुर ने कहा कि शिविर में पहुंचे सभी फाइलेरिया मरीजों के प्रभावित अंगों की स्टेज की जांच की गयी। उसके बाद मेडिकल टीम की जांच-पड़ताल के बाद स्टेज के अनुसार दिव्यांगता प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा।

फाइलेरिया बीमारी से बचने के तरीके

इस संबंध में जिला भीबीडी कंसल्टेंट डॉ गणेश कुमार यादव ने कहा कि फाइलेरिया बीमारी जिस व्यक्ति को हो जाता है उसके बाद वह पूर्णत: ठीक नहीं हो पाता है। इस बीमारी से राहत पाने के लिए नियमित व्यायाम और एमएमडीपी किट के माध्यम से घर पर ही दो बार अपने प्रभावित अंगों की साफ-सफाई करनी होगी। इससे फाइलेरिया पीड़ित व्यक्ति को बीमारी से थोड़ी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि एमएमडीपी प्रशिक्षण से काफी हद तक हाथीपांव के सूजन को कम किया जा सकता है।

14 सौ से अधिक फाइलेरिया मरीजों का दिव्यांगता प्रमाण पत्र निर्गत किया जा चुका है

उन्होंने कहा कि विकलांगता शिविर के माध्यम से जिले में अब तक 14 सौ से अधिक फाइलेरिया मरीजों का दिव्यांगता प्रमाण पत्र निर्गत किया जा चुका है। रोगी को अपने साथ एक पहचान पत्र के तौर पर आधार कार्ड तथा प्रभावित अंगों के साथ चेहरा सहित का एक फोटोग्राफ लेकर आना है और विकलांगता प्रमाण पत्र हेतु एक प्रपत्र को भरकर शिविर में जमा करना है। और जांच कर विकलांगता प्रमाण पत्र निर्गत किया जाएगा। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ. जुगल किशोर चौधरी द्वारा शिविर में उपस्थित चिकित्सा पदाधिकारीयों को निर्देशित किया गया कि शिविर में आए हुए सभी फाइलेरिया रोगियों का विकलांगता प्रमाण पत्र हेतु जांच करना सुनिश्चित करेंगे एवं त्वरित गति से इनका विकलांगता प्रमाण पत्र निर्गत करना सुनिश्चित करेंगे।

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