
दुमका में बीते कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश और तेज़ हवाओं के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वर्षों से सूखी पड़ी नदियाँ इस बार उफान मारती नजर आ रही हैं। तेज़ हवाओं के कारण कई जगहों पर पेड़ गिरने की खबर है, जिससे बिजली के तार टूट गए और कई इलाकों में घंटों से बिजली आपूर्ति बाधित है।बिजली विभाग की टीम युद्धस्तर पर बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए प्रयासरत है और टूटे हुए तारों व पेड़ों को हटाने का कार्य जारी है। वहीं, शहर की कई सड़कों पर पेड़ गिरने से यातायात भी प्रभावित हुआ है, जिससे लोगों को आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।इधर, मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
35 वर्षों में इतनी अधिक बारिश कभी दर्ज नहीं की गई थी
मौसम वैज्ञानिक डॉ. कुमार शैलेन्द्र मोहन ने जानकारी दी है कि दुमका में पिछले 24 घंटे में 123 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। उन्होंने बताया कि पिछले 35 वर्षों में 14 जुलाई को इतनी अधिक बारिश कभी दर्ज नहीं की गई थी। 2005 में 94 मिमी और 1998 में 86.6 मिमी बारिश दर्ज की गई थी।अब तक जुलाई माह में कुल 295.1 मिमी और साल 2025 में अब तक 937.2 मिली बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी है। डॉ. शैलेन्द्र के मुताबिक, वर्तमान में वायुदाब बना हुआ है, जिससे आने वाले दिनों में और बारिश की संभावना है।रात की तेज़ बारिश के बाद का नज़ारा दुमका से लगभग तीन किलोमीटर दूर हरीपुर के पास मयूराक्षी नदी के बांध पर देखने को मिला, जहां पानी के तेज़ बहाव और गगनभेदी आवाज़ ग्रामीणों को आकर्षित कर रही है। हालांकि, कुछ मछुआरे जोखिम उठाते हुए जाल लेकर पानी में उतर गए हैं, जो कि खतरनाक साबित हो सकता है। गौरतलब है कि मयूराक्षी नदी इस बार 1999 के बाद पहली बार इस स्तर तक उफनाई हुई दिखाई दी है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदी, तालाब और जलजमाव वाले क्षेत्रों से दूर रहें और सतर्कता बरतें।