
जमशेदपुर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने आज शिबू सोरेन के निधन पर गहरा अशोक व्यक्त किया है । इन्होंने कहा कि झारखंड के लिए एक अपूर्ण क्षति है । इन्होंने कहा कि जिस तरह से यह आंदोलन किया करते थे । उस आंदोलन की एक नई रूपरेखा तैयार होती थी। इन्होंने कहा कि शिबू सोरेन का चला जाना झारखंड के लिए एक अपूर्ण क्षति है । इन्होंने फिर बताया कि गोवा गोली कांड के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि झारखंड आंदोलन का पहला आंदोलन जब गोवा गोली कांड हुआ था तो जंगल जंगल पैदल पैदल चलकर किस तरह से गांव को जोड़ा जाए और किस तरह से लोगों को जोड़ा जाए यह काम शिबू सोरेन खुद किया करते थे। और इसीलिए गांव-गांव में शिवलिंग को लोग आज भी विषम गुरु कहते हैं और यही कारण है।
किसी को झारखंड में दिसंबर गुरु के नाम से जाने जाते हैं । अर्जुन मुंडा ने कहा कि यह मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति भी है क्योंकि हमारे लिए वह एक अभिभावक के तौर पर थे । उनका निधन झारखंड के लिए एक अपूर्णीय क्षति है और इसकी पूर्ति नहीं की जा सकती।