झारखंड की आवाज

योगी मॉडल पर झारखंड भाजपा का सवाल आदिवासी नेता के एनकाउंटर पर झारखंड में बवाल -

योगी मॉडल पर झारखंड भाजपा का सवाल आदिवासी नेता के एनकाउंटर पर झारखंड में बवाल

WhatsApp and Telegram Button Code
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

Deoghar/Godda उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एनकाउंटर की गूंज देश भर में गूंजती रही है और भाजपा समर्थक इसे एक मॉडल के रूप में प्रसारित करती रही है । वही विपक्ष हमेशा इसे बदले की कारवाही बताती रही और फर्जी इनकाउंटर बताते रहे हैं। योगी सरकार पर भी जाति धर्म देखकर कार्यवाही करने का आरोप लगता रहा है। विपक्ष ठोको नीति के खिलाफ आवाज उठाती रही है उत्तर प्रदेश के हर एक एनकाउंटर पर सवाल उठा और कई मामलों में कोर्ट ने संज्ञान भी लिया। वही अब एक बार फिर वही ठोको नीति के खिलाफ झारखंड भाजपा ने सवाल उठाया है……

आईए जानते हैं पूरा मामला….

गोड्डा जिला के ललमटिया में बीते दिनों पूर्व बीजेपी नेता सूर्यकांत हादसा का पुलिस मुठभेड़ में मौत की खबर सामने आई । सूर्या हांसदा के एनकाउंटर के खबर फैलते ही झारखंड में सियासी में भूचाल आ गया। सूर्या हांसदा के मौत के बाद गोड्डा के पूर्व विधायक सह बीजेपी प्रवक्ता अमित मंडल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि सूर्या हांसदा था इसलिए हुआ एनकाउंटर, अंसारी होता तो बच जाता पुलिस उसे नहीं मारती इस बयान ने सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक बहस छेड़ दी है।

सूर्या अंसारी होता तो पुलिस उसे नहीं मारती : अमित मंडल

अमित मंडल का यह पोस्ट देर रात अपलोड हुआ और कुछ ही घंटों में वायरल हो गया। वीडियो में उन्होंने सूर्या हांसदा एनकाउंटर पर सवाल उठाए और पुलिस की कार्रवाई की निष्पक्षता पर शंका जताई। पोस्ट के कैप्शन में लिखी पंक्ति – सूर्या अंसारी होता तो पुलिस उसे नहीं मारती इस कैप्शन को लेकर विपक्षी दलों ने उन पर सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाया है।

सुनिए जेएलकेएम नेता जयराम महतो ने क्या कहा 👇👇👇

अमित मंडल के समर्थकों का कहना है कि यह टिप्पणी पुलिस के कथित दोहरे रवैये की ओर इशारा है, जबकि विरोधी इसे समाज में धार्मिक ध्रुवीकरण फैलाने वाला बयान मान रहे हैं। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले गोड्डा पुलिस ने झारखंड के बोरियो विधानसभा से जीवीएम भाजपा और जेएलकेएम से चुनाव लड़ चुके पूर्व भाजपा नेता जिस पर दर्जनों से अधिक मामला दर्ज है जिसे पुलिस कुख्यात अपराधी भी बताती है ।

परिजनों का अलग आरोप

उस सूर्या हांसदा को पुलिस ने देवघर से गिरफ्तार किया था। पुलिस का दावा है कि पूछताछ के दौरान सूर्या ने भागने की कोशिश की, जिसके बाद हुई मुठभेड़ में उसकी मौत हो गई। पुलिस इसे आत्मरक्षा में की गई कार्रवाई बता रही है। हालांकि, मृतक के परिजनों और कुछ स्थानीय संगठनों का आरोप है कि सूर्या को पहले बिजली के शॉर्ट सर्किट से घायल किया गया और फिर हिरासत में हत्या कर दी गई। इस मामले में पहले से ही स्वतंत्र जांच की मांग उठ रही थी।

कानून व्यवस्था से जुड़े मामलों को धार्मिक पहचान से जोड़ना समाज के लिए खतरनाक है

अमित मंडल के फेसबुक पोस्ट पर सबसे तेज प्रतिक्रिया झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से आई। पार्टी के प्रवक्ता ने इसे गंभीर और गैर-जिम्मेदाराना बयान करार देते हुए कहा कि कानून व्यवस्था से जुड़े मामलों को धार्मिक पहचान से जोड़ना समाज के लिए खतरनाक है। कांग्रेस नेताओं ने भी मंडल पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि भाजपा नेता संवेदनशील मुद्दों को सांप्रदायिक रंग देकर जनता का ध्यान असली मुद्दों से भटका रहे हैं।

उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए : जयराम महतो

दूसरी और भाजपा के कुछ स्थानीय कार्यकताओं ने अपने पूर्व विधायक का समर्थन करते हुए कहा कि उन्होंने केवल पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल उठाया है। झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के अध्यक्ष जयराम महतो ने भी पहले ही एनकाउंटर की उच्च स्तरीय जांच की मांग कर चुके हैं, उन्होंने कहा कि किसी भी एनकाउंटर की जांच स्वतंत्र एजेंसी से होनी चाहिए, ताकि सच सामने आ सके ।

सुनिए भाजपा नेता अमित मंडल ने क्या कहा 👇👇👇

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अमित मंडल का यह कदम सुनियोजित भी हो सकता है, क्योंकि इससे वे अपने समर्थक वर्ग में चर्चा के केंद्र में आ गए हैं। एनकाउंटर जैसे संवेदनशील मामलों में धार्मिक पहचान का संदर्भ देना राजनीतिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा दे सकता है, खासकर झारखंड जैसे राज्यों में जहां जनजातीय और अन्य समुदायों का संतुलन चुनावी राजनीति में अहम है।

Leave a Reply