
Jamshedpur News। झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता और झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का दुखद निधन हो गया है।
1963 को घाटशिला में जन्मे रामदास सोरेन ने अपना पूरा जीवन समाज और राजनीति को समर्पित किया। वे पहली बार 2009 में घाटशिला विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। 2019 में उन्होंने पुनः जीत हासिल की और विधानसभा में आदिवासी समाज की सशक्त आवाज़ बने।
30 अगस्त 2024 से 28 नवंबर 2024 तक उन्होंने झारखंड सरकार में जल संसाधन, उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा जैसे विभाग संभाले। इसके बाद 5 दिसंबर 2024 से वे शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के मंत्री बने और प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण पहलें कीं।
दुर्भाग्यवश, 2 अगस्त 2025 को जमशेदपुर स्थित अपने आवास में बाथरूम में गिरने से उन्हें गंभीर ब्रेन हेमरेज हो गया। उन्हें एयरलिफ्ट कर दिल्ली के अपोलो अस्पताल लाया गया, जहाँ कई दिनों तक जीवन रक्षक प्रणाली पर रहने के बाद 15 अगस्त 2025 की सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। उस समय उनकी आयु 62 वर्ष थी।
रामदास सोरेन (Ramdas Soren) का जीवन शिक्षा सुधार, आदिवासी उत्थान और झारखंड की प्रगति को समर्पित रहा। वे न केवल एक नेता बल्कि विद्यार्थियों के भविष्य को संवारने वाले मार्गदर्शक थे।
आज सुबह 9:30 बजे उनका पार्थिव शरीर रांची एयरपोर्ट लाया जाएगा , जहाँ से उनके गाँव पहुंचाया जाएगा। दोपहर करीब 2 से 2:30 बजे उनके घाटशिला आवास से अंतिम दर्शन के लिए शवयात्रा निकलेगी।