
बेतला टाइगर रिज़र्व में शिकारियों का गिरोह धरा गया, 09 गिरफ्तार, बाघ शिकार की सनसनीखेज़ जानकारी उजागरगंभीर वन्यजीव अपराध का पर्दाफाश, 13 शिकारी अभी भी फरारबेतला टाइगर रिज़र्व (PTR) में सक्रिय एक शिकारियों के गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए वन विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। एक शिकारी की निशानदेही पर जांच शुरू हुई, जो बारूद और गंधक की अवैध बिक्री से जुड़ी थी। जांच के दौरान गिरोह के 09 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 13 आरोपी अभी फरार हैं। दिनांक 19 अगस्त को नावागढ़ निवासी सरफुदीन मियां को बारूद एवं गंधक बेचते हुए गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि वह भरूतवा बंदूक में इस्तेमाल के लिए यह सामग्री शिकारियों को बेचता था। उसने तपेश्वर सिंह (ग्राम-कुई, थाना-गारू) को बारूद देने की बात स्वीकार की।इसके बाद 20 अगस्त को सुबह 3 बजे कुई गांव में छापेमारी कर तपेश्वर सिंह को गिरफ्तार किया गया, जिसके घर से एक भरूतवा बंदूक बरामद हुई। पूछताछ में उसने कबूल किया कि वह एक गिरोह के साथ मिलकर PTR के जंगलों में वर्षों से शिकार कर रहा है। उसने यह भी स्वीकार किया कि लगभग 10 वर्ष पूर्व गारू के चंदवा चट्टान क्षेत्र में एक बाघ का शिकार भी किया गया था।—
गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम
- सरफुदीन मियां – नावागढ़ 2. तपेश्वर सिंह – कुई, गारू 3. अजित सिंह – कारवाई 4. रामसुंदर तुरी – कुई 5. हरिचरण सिंह – कारवाई6. झमन सिंह – कुई 7. कईल भुईयां – कुई 8. रमन सिंह – जूरुहार 9. पारसनाथ सिंह – जूरुहार—
- जब्त सामग्री:भरूतवा बंदूक – 08बारूद – 400 ग्रामगंधक – 14 ग्रामटाइगर ट्रैप – 1अन्य फंदे – 2 (15 फीट)वन्य जीवों की ट्रॉफी, शीशा व लोहे के टुकड़े आदि—वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत कार्रवाई करते हुए दो टीमें बनाई गईं, जिनमें RFO गारू ईस्ट और छिपादोहर ईस्ट के नेतृत्व में गहन छापेमारी की गई। PTR साउथ के Dy Director कुमार आशिष एवं PTR नॉर्थ के Dy Director प्रजेश जेना के निर्देशन में अभियान को अंजाम दिया गया। वन विभाग ने बताया कि शिकारियों का यह नेटवर्क लंबे समय से सक्रिय था। अब तक 09 गिरफ्तारियां हुई हैं जबकि 13 आरोपी फरार हैं। जंगलों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और आगामी दिनों में और छापेमारी जारी रहेगी।