
Dumka Breaking News झारखंड के दुमका जिले से मुफसिल थाना क्षेत्र से एक सनसनीखेज वारदात की खबर आ रही है। चोरकट्टा गांव में अज्ञात अपराधियों ने एक वृद्ध दंपती की बेरहमी से हत्या कर दी। हमले में ईंट और लकड़ी के पटरे का इस्तेमाल किया गया, जिससे दोनों के सिर पर गंभीर चोटें आईं। मृतकों की पहचान नवगोपाल साहा उर्फ मथुरा साहा और उनकी पत्नी बिलु साहा के रूप में हुई है। दंपती घर में अकेले थे, और इस वजह से अपराधियों को आसानी से अपना नापाक इरादा पूरा करने का मौका मिल गया।
पुलिस की टीम देर रात गांव पहुंची और जांच शुरू की
घटना का पता बुधवार की देर शाम चला, जब मृतक का बेटा अजय साहा अपनी पत्नी और बच्चे के साथ गोड्डा से मानसा पूजा मनाकर लौटा। सोमवार को पूजा के लिए मायके गए थे, और वापस आने पर घर का दरवाजा बाहर से बंद पाया। गैरेज के शटर से अंदर घुसते ही नजारा देखकर परिवार सदमे में आ गया। बेटे की पत्नी दहाड़ मारकर रोने लगी, और अंदर जाकर देखा तो मां का शव बेडरूम के दरवाजे पर खून से लथपथ पड़ा था, जबकि पिता का शव पलंग के नीचे। तुरंत पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस की टीम देर रात गांव पहुंची और जांच शुरू की।
रांची से फॉरेंसिक टीम बुलाई गई है, जिसके बाद शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा जाएगा
एसपी पीतांबर सिंह खैरवार खुद घटनास्थल पर पहुंचे और स्वान दस्ते को बुलाया। खून से सने ईंट को कुत्ते को सूंघाया गया, तो वह सीधे मृतक के घर से सटे रिश्तेदार के मकान में घुस गया। दोबारा प्रक्रिया दोहराई गई, तो फिर वही घर । इससे पुलिस का शक रिश्तेदारों पर गहरा हो गया है। हालांकि, एसपी ने मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया और कहा कि जांच चल रही है। रांची से फॉरेंसिक टीम बुलाई गई है, जिसके बाद शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा जाएगा।मृतक के चचेरे भाई दीपक वरुण साह ने बताया कि मानसा पूजा के चलते पूरा गांव व्यस्त था। सुबह से दंपती को न देखने पर लगा कि वे गमरा गांव प्रसादी खाने गए होंगे। लेकिन शाम को बेटे के लौटने पर ही हत्या का पता चला। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि हाल ही में लखिकुंडी में जमीन बेची गई थी, जिससे मृतक को 15 लाख रुपये मिले थे। संभव है कि लूट के इरादे से आए अपराधियों को दंपती ने पहचान लिया, जिसकी वजह से हत्या कर दी गई।पुलिस अब इस पहेली को सुलझाने में जुटी है- इतनी बर्बरता से हत्या हुई, तो चीखें घर से सटे रिश्तेदारों ने क्यों नहीं सुनीं? नवगोपाल साह हट्टे-कट्टे थे, उन्हें और उनकी पत्नी को काबू में करना दो-तीन अपराधियों के लिए आसान नहीं था। दिन भर न देखने पर रिश्तेदारों ने क्यों नहीं सुध ली? हत्या का समय रात का था या दिन का, यह भी जांच का विषय है। पूजा के चलते गांव के ज्यादातर लोग मंदिर या रिश्तेदारों के यहां थे, जिससे हत्यारों को मौका मिल गया।एसपी पीतांबर सिंह खैरवार ने कहा है कि मामले का जल्द उद्भेदन किया जाएगा। दुमका पुलिस की टीम गहन जांच में जुटी है।