
Dumka News झारखंड के दुमका से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जहां मयूराक्षी नदी के बीयर बांध में डूबने से चार युवकों की मौत हो गई। इस जगह को स्थानीय लोग ‘मिनी गोवा’ कहते हैं, और यह पहले भी कई दर्दनाक हादसों का गवाह बन चुका है। इसके बावजूद, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण यहाँ सुरक्षा व्यवस्था का अभाव है। आइए, इस हादसे की पूरी जानकारी लेते हैं।
मसानजोर से गोताखोर और नाव बुलाई गई
दुमका जिले के जामा और मुफस्सिल थाना सीमा पर स्थित मयूराक्षी नदी के बीयर बांध में कल देर शाम चार दोस्त नहाने गए थे। ये चारों दोस्त घर से निकले, लेकिन देर रात तक वापस नहीं लौटे। परिजनों ने खोजबीन शुरू की और स्थानीय लोगों ने नदी किनारे कपड़े और मोबाइल देखकर पुलिस को सूचना दी।
रात में प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। सुबह स्थानीय लोगों की मदद से एक युवक का शव बरामद किया गया। इसके बाद प्रशासन हरकत में आया और मसानजोर से गोताखोर और नाव बुलाई गई। मसानजोर, जो दुमका से मात्र 30 किलोमीटर दूर है, वहाँ से विशेषज्ञों को आने में काफ़ी देरी हुई। आखिरकार, दोपहर तक बाकी तीन शव भी बरामद कर लिए गए। इस हादसे में चारों युवकों की मौत हो चुकी है।
सात छात्रों की डूबने से मौत हुई थी,
आपको बता दें कि 2016 में भी इस जगह पर सात छात्रों की डूबने से मौत हुई थी, जिनमें से एक का शव आज तक नहीं मिला। इसके बावजूद, यहाँ सुरक्षा व्यवस्था पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
नीलकंठ झा (अधिवक्ता सह डूबे बालक का परिजन) हमारा बच्चा चला गया… प्रशासन की लापरवाही ने हमारे घर का चिराग बुझा दिया। यहाँ पहले भी इतने हादसे हो चुके हैं, फिर भी कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं है। प्रशासन को अब जागना चाहिए।

हिमांशु मिश्रा (छात्र नेता)यह हादसा बेहद दुखद है। मिनी गोवा जैसी खतरनाक जगह पर युवा आते हैं, लेकिन प्रशासन ने यहाँ कोई चेतावनी बोर्ड या सुरक्षा व्यवस्था नहीं की। हम मांग करते हैं कि तुरंत सुरक्षा के इंतजाम किए जाएँ।
सुधीर कुमार मंडल (उपाध्यक्ष, जिला परिषद, दुमका) यह घटना बहुत दुखद है। हम प्रशासन से मांग करते हैं कि इस जगह पर सुरक्षा के लिए स्थायी इंतजाम किए जाएँ, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों।
मृतकों में तीन दुमका और एक गोड्डा जिले का निवासी था
मृतकों में तीन दुमका और एक गोड्डा जिले का निवासी था। ये चारों दोस्त संत जोसेफ स्कूल में साथ पढ़ते थे और इंटरमीडिएट के छात्र थे। मृतकों की पहचान इस प्रकार है : आर्यन (गोड्डा निवासी), कृष्ण सिंह (दुमका, बक्सी बांध), कृष (सोनवाडंगाल, एन कॉलेज छात्र), आर्यन (दुमका, जिला स्कूल छात्र)जानकारी के मुताबिक, ये दोस्त कई दिनों से इस जगह पर मस्ती करने आ रहे थे। इस हादसे ने चार परिवारों को गहरे सदमे में डुबो दिया है। दोपहर करीब डेढ़ बजे गोताखोरों ने तीन शव बरामद किए। पूरे दुमका में शोक की लहर है।

विजय सिंह (बोट और गोताखोर संचालक, मसानजोर)हमें सुबह सूचना मिली, लेकिन हम दोपहर तक यहाँ पहुँचे। नदी का पानी गहरा है और बहाव तेज है। हमने तीन शव निकाले, लेकिन पहले से सुरक्षा होती तो शायद ये हादसा टल सकता था।
चेतावनी बोर्ड, रेलिंग, और गोताखोरों की तैनाती हो : स्थानीय
मयूराक्षी नदी का यह बीयर बांध अब तक डेढ़ दर्जन से अधिक युवकों की जान ले चुका है। 2016 में भी यहाँ सात दसवीं कक्षा के छात्र डूब गए थे, जिनमें से एक का शव आज तक नहीं मिला। इस बार भी चार परिवारों का चिराग बुझ गया। स्थानीय लोग और परिजन प्रशासन से इस जगह पर तत्काल सुरक्षा व्यवस्था, जैसे चेतावनी बोर्ड, रेलिंग, और गोताखोरों की तैनाती की मांग कर रहे हैं। सवाल यह है कि आखिर कब तक ऐसी लापरवाही चलती रहेगी? और कब तक मासूम जिंदगियाँ इस तरह असमय खत्म होती रहेंगी?