
देवघर// दुर्गा पूजा को लेकर एसडीओ की अध्यक्षता में जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और पूजा समिति के सदस्यों के साथ बैठक हुई। बैठक के बाद जिला प्रशासन ने गाइड लाइन जारी किया।
पूजा हेतु पंडाल का निर्माण कमजोर बॉस-बल्ले से नहीं करें एवं पंडाल की उँचाई सीमित रखा जाए यथा किसी भी दशा में पंडाल 3 मीटर से कम उँचाई का न लगाया जाय तथा गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देंगे। साथ ही प्रवेश द्वार गुफानुमा अथवा घुमावदार न बनाकर पारदर्शी तरीके से बनाया जाए।
पंडालों में व्यवहृत होने वाले फेब्रिक सामग्री को अग्निरोधी पेंट (Fire Reetardant Solution) में डुबाकर सुखाने के बाद प्रयोग करेंगे। (अग्नि निरोधक घोल हेतु सामग्री की भाग का अनुपात अमोनिया सल्फेट, अमोनियम कार्बोनेट, बोरैक्स, बोरिक एसिड, एलम एवं पानी क्रमशः 4 भाग. 02 भाग, 01 भाग, 02 भाग एवं 35 भाग (मात्रा से) लेकर घोल बनाने के बाद पंडाल के कपड़ों को उक्त घोल में भींगने हेतु छोड़ देगे। कपड़ा के पूर्ण रूप से भींगने के बाद उसे सुखाकर पंडाल बनायेंगे।
महिलाओं एवं पुरुषो लिए अलग-अलग प्रवेश एवं निकास द्वार का व्यवस्था करेंगे।
किसी भी प्रकार के सिंथेटिक / ज्वलनशील प्रकृति वाले सामानों का प्रयोग नहीं करेंगे। कम से कम दो निकास द्वार का व्यवस्था करेंगे तथा हिन्दी और अंग्रेजी में Well Illuminated Paint से “प्रवेश एवं निकास’ शब्द लिखेंगे। महिलाओं एवं पुरुषो लिए अलग-अलग प्रवेश एवं निकास द्वार (चमकीला यथा चिन्हित) का व्यवस्था करेंगे। जहाँ तक संभव हो सके दोनों रास्ते एक दूसरे के विपरीत दिशा में हो।
प्रकाश की वैकल्पिक व्यवस्था हेतु पर्याप्त संख्या में जेनरेटर/इमरजेंसी लाईट की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। प्रकाश की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण असामाजिक तत्व कभी-कभी महिलाओं के साथ छेड़खानी करने की कोशिश करते हैं। अतः इसका अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करेंगे।
Electric Wire के सभी Joints को Properly Taping किया जाय तथा PVC Electric Wire/Conduits के सहारे ले जाया जाय। Loose Wiring नहीं किया जाय। विद्युत व्यवस्था अपनी देख-रेख में किसी अनुज्ञप्तिधारी संवेदक के माध्यम से ही कराया जाय। हैलोजन लाईट का प्रयोग किसी भी दशा में पंडाल या अस्थाई निर्माण के अन्दर में नहीं किया जाय।
पंडाल के अन्दर कित्ती भी दशा में भट्टी का प्रयोग नहीं किया जाए
पंडालों में असामाजिक गतिविधियों पर निगरानी हेतु C.C.T.V कैमरा जरूर लगाया जाय। साथ ही विसर्जन जुलूसों की विडीयोग्राफी भी करायेंगे।
पंडालों एवं झांकी वाले क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में स्वयंसेवकों (Volunteer) की प्रतिनियुक्ति करेंगे। साथ ही उनके स्पष्ट पहचान हेतु कोई विशेष रंग का ड्रेस/टी-शर्ट/पहचान पत्र उपलब्ध करायेंगे, ताकि आमजनों, पुलिस एवं दण्डाधिकारियों को स्वयंसेवकों (Volunteer) की आसानी से पहचान किया जा सके तथा एक-दूसरे से सुगमतापूर्वक समन्वय स्थापित हो सकें।

दुर्गापूजा समिति के द्वारा सभी पंडालों के प्रतिनिधि का नाम एवं मोबाईल नंबर एवं स्वयंसेवकों (Volunteer) की सूची संबंधित थाना को उपलब्ध कराया जाय एवं एक प्रति अनुमंडल कार्यालय को भी प्रेषित किया जाए।दुर्गापूजा समिति यह सुनिश्चित करेंगे कि यातायात व्यवस्था प्रभावित न हो। वाहन पड़ाव सुनिश्चित करेंगे तथा अपने स्वयंसेवकों के माध्यम से यत्र-तत्र वाहनों का पड़ाव न होने देंगे ताकि सड़क जाम न हो।
दुर्गापूजा समिति वाहन पड़ाव / पार्किंग हेतु अलग से प्रर्याप्त स्थान चिन्हित करेंगें। उक्त पार्किंग स्थान पर C.C.T.V कैमरा भी लगायेंगे, ताकि असमाजिक तत्वों के किसी भी तरह की गतिविधियों पर सतत् निगरानी रखा जा सकें। साथ ही 100 मीटर के दायरे में कोई भी वाहन खड़ी नहीं किये जाए, अन्यथा गाड़ी जब्त कर अग्रेत्तर कार्रवाई की जायेगी।पंडालों/झांकियों में किसी प्रकार का अवैध विद्युत कनेक्शन नहीं लेंगे। इस हेतु विधिवत अस्थाई विद्युत कनक्शन विद्युत कार्यालय से प्राप्त करेंगे। किसी भी तरह की अप्रिय घटना की स्थिति में यदि किसी पंडाल झांकी में अवैध विद्युत कनेक्शन पाया जाता है, वैसी स्थिति में सारी जवाबदेही पूजा समिति की होगी।
पंडाल के आस-पास पूरी तरह से आतिशबाजी प्रतिबंधित रहेगा।
पूजा स्थल में अश्लील गाना नहीं बजायेंगे एवं लाउडस्पीकर ऊँची आवाज में नहीं बजायेंगे। माननीय उच्च न्यायालय झारखण्ड, राँची के द्वारा पारित आदेश के आलोक में डी० जे० के उपयोग पर पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा। Noise Polution Regulation & Control Rules, 2000 के अंतर्गत दिन में 55 D.B. तक एवं रात 10:00 बजे तक 45 DB. तक ध्वनि विस्तारक यंत्र (सामान्य माईक) का उपयोग अनुमोदित है, जिसका पालन सुनिश्चित किया जाय।
पूजा पंडाल समिति. पूजा परिसर में प्राथमिक उपचार की निश्चित रूप से व्यवस्था रखेंगे, जिसमें बर्न संबंधी दवा उपलब्ध होनी चाहिए एवं यत्र-तत्र कुड़ा-कचड़ा नहीं फेकेगे एवं साफ-सफाई का समुचित प्रबंध रखेंगे।