रांची दुमका की चर्चित पैट्रोल छिड़कर जला देने और इलाज के दौरान मौत हो जाने के मामले को लेकर पूछा कि जब देवघर में एम्स है तो लड़की के जल जाने के बाद उसे 300 किलोमीटर दूर रांची रिम्स क्यों रेफर किया गया।

दुमका से नजदीक देवघर एम्स में क्यों नहीं इलाज किया गया । इस पर सरकार की और से कहा गया कि देवघर एम्स में इसकी सुविधा नहीं है। देवघर एम्स में बर्न वार्ड चालू नहीं है। झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ में सोमवार को देवघर एम्स में बन रहे बर्न वार्ड से जुड़े मामले की सुनवाई की। खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान इसकी जानकारी मांगी और देवघर एम्स प्रबंधन को कहा गया कि बर्न वार्ड कब तक शुरू हो जाएगा। दरअसल दुमका की चर्चित पैट्रोल कांड 23 अगस्त 2022 को दुमका में एक नाबालिग को उसके कथित प्रेमी ने घर में सोते समय पेट्रोल छिड़क कर जला दिया था। इलाज के दौरान नाबालिग की मौत हो गयी थी। उसे इलाज के लिए रांची रिम्स रेफर किया गया था। अदालत ने यह जानना चाहा था कि जब देवघर में एम्स है तो जलने की स्थिति में करीब 300 किलोमीटर दूर क्यों रेफर किया गया। इस पर सरकार की ओर से बताया गया कि एम्स देवघर में बर्न वार्ड नहीं है। बेहतर इलाज के लिए रिम्स रेफर किया गया था।
दुमका के चर्चित इस कांड में कब-क्या हुआ
23 अगस्त 2022 : सिरफिरे आशिक शाहरुख ने अपने दोस्त नईम उर्फ छोटू के साथ मिलकर घर में सो रही किशोरी के उपर पेट्रोल छिड़ककर आग लगाई।
28 अगस्त 2022 : किशोरी ने रांची के रिम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली ।
10 सितंबर 2022: दुमका पुलिस ने 112 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की जिसमें कुल 26 गवाह भी बनाए गए थे।
16 सितंबर 2022: न्यायालय ने संज्ञान लिया ।27 सितंबर 2022: दोषियों के विरूद्ध आरोप गठित हुआ।
28 सितंबर 2022 : अभियोजन पक्ष की गवाही शुरू हुई
03 मई 2023 : आरोपियों का बयान दर्ज हुआ
9 अगस्त 2023 : बहस की कार्रवाई हुई शुरू
19 मार्च 2024 : दोनों आरोपी को अदालत द्वारा दोषी ठहराया गया।28 मार्च 2024 : इस तिथि को सजा के बिंदु पर सुनवायी हुई। कोर्ट ने आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।