
देवघर के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय-सह-पोक्सो मामलों के विशेष न्यायाधीश श्री राजेन्द्र कुमार सिन्हा की अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में दोषी पाते हुए जाकिर अंसारी (25 वर्ष) को पच्चीस वर्षों की सश्रम कारावास की कठोर सजा सुनाई है। आरोपी जामताड़ा जिला के ग्राम लखनुडीह, थाना नारायणपुर का रहने वाला है।
सारवां थाना कांड संख्या 93/2024 में हुई सजा
देवघर जिला के सारवां थाना में 5 नवंबर 2024 को थाना कांड संख्या 93/2024 दर्ज की गई थी। मामले में त्वरित गति से अनुसंधान चला और जनवरी 2025 में आरोप पत्र समर्पित किया गया। और पोक्सो केस संख्या 4/2025 में सजा सुनाई गई। साथ ही अभियुक्त पर 50 हजार रुपया का अर्थदंड भी लगाया गया है। अर्थदंड की राशि अदा न करने की स्थिति में अभियुक्त को कुल मिलाकर दो वर्षों का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
निम्न धाराएं के तहत मामला दर्ज किया गया था
भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita) की धारा 99,137,144,145 और 3(5) साथ ही पोक्सो (Protection of children from sexual offences Act) 2012 की धारा 4, 8 के तहत मामला दर्ज किया था। अभियोजन ने कुल 7 गवाहों की सशक्त गवाही प्रस्तुत की जिनके परीक्षण व प्रतिपरीक्षण तथा दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के उपरांत अदालत ने यह कठोर निर्णय सुनाया।
अदालत ने अभियुक्त को विभिन्न धाराओं में दोषी ठहराया
पोक्सो अधिनियम की धारा 4(II) 25 वर्ष की सश्रम कारावास एवं 20 हजार रुपया का जुर्माना (जुर्माना राशि का भुगतान न करने पर दो वर्ष की अतिरिक्त सजा)
भारतीय न्याय संहिता (BNS) धारा 99 10 वर्ष की सश्रम कारावास एवं 10 हजार रुपया जुर्माना
धारा 137 5 वर्ष सश्रम कारावास एवं 5 हजार रुपया जुर्माना जुर्माना
धारा 144 6 वर्ष की सश्रम कारावास एवं 5 हजार रुपया जुर्माना
धारा 4 (अर्थदंड) 10 हजार रुपया का जुर्माना सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी, जिससे कुल प्रभावी सजा 25 वर्ष की सश्रम कारावास एवं 50 हजार रुपया का अर्थदंड निर्धारित हुई। मामले के विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक अजय कुमार साह ने पैरवी की, जबकि बचाव पक्ष से अधिवक्ता राहुल ने बहस में भाग लिया।