विदेश सचिव विक्रम मिसरी और उनके परिवार को भारत-पाक युद्धविराम के बीच हिंदुत्ववादी हैंडल्स द्वारा ऑनलाइन दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी और उनकी बेटियाँ भारत और पाकिस्तान के बीच आपसी युद्धविराम समझौते की घोषणा के बाद हिंदू दक्षिणपंथी हैंडल्स द्वारा गंभीर ऑनलाइन दुर्व्यवहार और डॉक्सिंग का लक्ष्य बन गई हैं, जिसमें कुछ उपयोगकर्ताओं ने उनकी बेटियों सहित उनके परिवार को घृणा अभियान में घसीटा है।

विदेश सचिव विक्रम मिसरी और उसके परिवार के ऊपर किए गए टिपण्णी को लेकर अखिलेश यादव ने सरकार से कई गंभीर सवाल पूछे और उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा 👇
निर्णय तो सरकार का होता है; किसी अधिकारी का नहीं
ये बेहद निंदनीय, शर्मनाक, आपत्तिजनक और दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि देश के एक बहुत बड़े अधिकारी और उसके परिवार के ख़िलाफ़ कुछ असामाजिक-आपराधिक तत्व सरेआम अपशब्दों की सारी सीमाएं तोड़ रहे हैं लेकिन उनके मान-सम्मान की रक्षा के लिए न तो भाजपा सरकार, न ही उनका कोई मंत्री सामने आकर ऐसी अवांछित पोस्ट करनेवालों के ख़िलाफ़ कुछ बोल रहा है या किसी कार्रवाई की बात कर रहा है।

ऐसी पोस्ट और बयानों से, दिन-रात एक करके देश के लिए समर्पित रहने वाले ऐसे सत्यनिष्ठ अधिकारियों का मनोबल टूटता है।कहीं ऐसा तो नहीं कि भाजपा सरकार अपनी नाकामी और नाकामयाबी के लिए किसी और की ओर ध्यान भटकाकर ख़ुद बचना चाह रही हो।भाजपा सरकार से हमारी खुली माँग है कि अगर ये सब देश-विरोधी तत्व उसके इशारे पर काम नहीं कर रहे हैं तो इन सबकी तुरंत गहरी जाँच हो और इनके सोशल मीडिया एकाउंट्स और बैंक खाते से लेकर ई-पेमेंट के सभी एकाउंट्स का पूरा ब्यौरा निकाला जाए। आज ही, तुरंत, तत्काल अभी ही ईडी, सीबीआई व अन्य जाँच एजेंसियों को असली काम पर लगाया जाए और पता किया जाए कि इनके पीछे कौन सी ताक़तें काम कर रही हैं और ये राष्ट्र विरोधी लोग किस विदेशी ताक़तों से पैसा लेकर देश में अमन-चैन-शांति को भंग करना चाहते हैं। जो भाजपा सरकार बात-बात पर देश की सुरक्षा की आशंका के नाम पर प्रतिष्ठित यू ट्यूब चैनल्स को बंद कर देती है, वो ऐसे लोगों के बारे में चुप क्यों है? अगर ये सब भाजपा सरकार की रज़ामंदी से नहीं हो रहा है तो ये और भी गंभीर मसला है और देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए अत्यंत ख़तरनाक बात भी है क्योंकि ऐसे तत्व देश के अंदर बैठे हैं और भाजपा सरकार उनका कुछ भी नहीं बिगाड़ पा रही है। ये वही लोग हैं जो किसी के भी ख़िलाफ़ सरेआम ज़हरीली बातें लिखते हैं लेकिन उनका बाल बाँका नहीं होता। चंद पैसों के लिए बिक जानेवाले ये लोग किसी के भी सगे नहीं हो सकते हैं। ऐसे लोगों को रोकने के लिए भाजपा सरकार ने अगर 24 घंटे में कोई क़दम नहीं उठाया तो देश की जनता को समझते देर नहीं लगेगी कि ये किसके लोग हैं, किसके लिए काम करते हैं, कौन उन्हें बचा रहा है और क्यों। भाजपा की चुप्पी उसकी संलिप्तता मानी जाएगी।