जमशेदपुर का जोगिंदर सिंह महाकभ से हुआ लापता उसके बेटे ने कहा कि सूरज सिंह ने बताया कि 29 जनवरी की सुबह चार बजे अपने टेंट से एक गमछा पहन कर निकले थे।

बाकी सभी कपड़ा, आईडी और मोबाइल बैग सब कुछ छोड़कर नहाने के लिए गए थे लेकिन वापस नहीं आए। तभी से हम खोज रहे हैं लेकिन कोई पता नहीं चल है और न ही प्रशासन की और से कोई सहयोग मिल रहा है। उन्होंने कहा कि हम अधिकारियों से मिलने गए अस्पताल भी गए लेकिन सभी जगह निराशा ही हाथ लगी कही कोई सहयोग नहीं कर रहा है। अस्पताल से अधिकारी के पास भेज रहे हैं अधिकारी अस्पताल और भिन्न भिन्न जगह भेज रहे हैं लेकिन यहां कोई सहयोग नहीं कर रहा है।
अपनों को खोने वाले पूछ रहे हैं किस्से लगाए गुहार
पीड़ित का वीडियो एक्स पर को शेयर करते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा अपनों को खोने वाले पूछ रहे हैं हम किस्से गुहार लगाए अखिलेश यादव ट्वीट के माध्यम से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सवाल पूछ रहे हैं। आखिर कौन मदद करेगा अपनों को खोने वाले को शासन प्रशासन सहयोग नहीं करेगा तो कौन करेगा। करोड़ों का हिसाब किताब दे रहे हैं लेकिन कितने लोग मरे ये नहीं बता रहे हैं ।
मोनी अमावस्या के दिन हुई थी भगदड़ लापता लोगों का कुछ पता नहीं
आपको बताते चलें कि 29 जनवरी को मोनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में भगदड़ हुई थी और कितने लोगों की मौत हुई इसका कोई सटीक आंकड़ा सामने नहीं आया है। 5 दिन बीत जाने के बाद भी प्रयागराज के कुंभ में चारों तरफ लोग अपने परिजनों को खोजने में अभी भी जुटे हुए हैं।
करोड़ लोगों ने स्नान किया मीडिया और सरकार ने गिनती कर लिया लेकिन मृतक का डाटा नहीं
अखिलेश यादव ने आज मिल्कीपुर में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार और मीडिया पर सवाल पूछते हुए कहा कि हर रोज आंकड़ा जारी कर रही है आज इतना करोड लोगों ने स्नान किया तो कल इतना करोड लोगों ने स्नान किया । अब तक कुल इतना करोड लोगों ने स्नान किया। वही भविष्य की भी बात बता दे रहे हैं और कहते हैं अगले दो दिनों में इतने करोड़ लोगों ने महा कुंभ में स्नान करेंगे। लेकिन भगदड़ कितने जगह हुई कितने लोगों की जान गई कितने लोग घायल हुए यहां तक कि कितने बजे घटना घटित हुई ये भी नहीं बता पा रहे हैं । अखिलेश यादव ने कहा ये पत्रकारिता धर्म निभाने का भी कुंभ है । आम जन मानस की समस्या को दिखाने लोगों की दुख दर्द को दिखाने का भी समय है।

वस्त से संत नहीं होते मन से संत होना चाहिए
वस्त्र से संत नहीं होते कर्म से संत होते हैं जनसभा को संबंधित करते हुए बिना नाम लिए कुछ ढोंगी संतों और योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा और कहा कि वस्त्र से संत नहीं हो जाता है वस्त्र का रंग बदल लेने से संत नहीं बन जाता है। संत बनने के लिए अच्छे कर्म करने की जरूरत होती है। हर अच्छे कर्म करने वाला संत है। संत का वेश धारण करने वाला हर कोई संत नहीं है।