झारखंड की आवाज

आदिवासी युवाओं को नशे के दलदल में धकेलना चाहती है सरकार : चम्पाई सोरेन -

आदिवासी युवाओं को नशे के दलदल में धकेलना चाहती है सरकार : चम्पाई सोरेन

रांची। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार आदिवासी समाज की युवा पीढ़ी को नशे के दलदल में धकेलना चाहती है।

WhatsApp and Telegram Button Code
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

दरअसल कल (21 मई) प्रस्तावित आदिवासी परामर्शदातृ समिति (TAC) की बैठक से पहले झारखंड सरकार ने जो एजेंडों की सूची जारी की है, उसमें राज्य के आदिवासी बहुल गाँवों में शराब की दुकानें एवं बार खोलने का लाइसेंस देने की बात कही गई है।

इसी मुद्दे पर नाराजगी जताते हुए पूर्व सीएम चम्पाई सोरेन ने कहा कि – “अपने सार्वजानिक जीवन की शुरुआत, मैंने नशा-विरोधी मुहिम से की थी। झारखंड की युवा पीढ़ी को नशे के दलदल में धकेलने की इस कोशिश का पुरजोर विरोध होगा।”

राज्य सरकार पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि टीएसी का गठन सदैव राज्यपाल के संरक्षण में करने की परंपरा रही है, जिसे इस राज्य सरकार ने तोड़ दिया है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब यह संस्था आदिवासियों के हित में काम करने के लिए बनी है, तो फिर टीएसी में सरकार का बहुमत होते हुए भी पिछले कई वर्षों से पेसा समेत आदिवासियों से जुड़े अन्य मामलों पर कोई ठोस परिणाम क्यों नहीं दिखते?

इसके साथ ही, उन्होंने राज्य सरकार द्वारा कोल्हान क्षेत्र में में कई वर्षों पहले रोके गए ईचा-खरकाई डैम परियोजना को दोबारा शुरू करने का भी विरोध किया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब उनकी अध्यक्षता में बनी समिति ने इस मुद्दे पर बहुत पहले फैसला लिया था, तो फिर से 124 गाँवों को विस्थापित करने का निर्णय क्यों लिया जा रहा है?

उनके इस बयान के बाद झारखंड की सियासत में टीएसी की भूमिका, उसकी निष्पक्षता और सरकार की नीतियों को लेकर बहस शुरू हो गई है।

Leave a Comment