
पाकुड़ // सदर ब्लॉक के दो रोजगार सेवकों की पत्नी
के नाम से जॉब कार्ड बनाने और रोजगार सेवकों के द्वारा रूपयों की
निकासी मामले में जिला प्रशासन और पाकुड़ पुलिस रेस हो गई है।
प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा अजित टूट्टू ने मुफ्फसिल
थाना में आवेदन देकर रोजगार सेवक मैमूर शेख एवं अब्दुर
रकीब के द्वारा अपनी अपनी पत्नियों का जॉब कार्ड बनाकर
अवैध रुपए निकासी किए जाने को लेकर एफआईआर दर्ज कराया
है।
दोनों के जॉब कार्ड नंबर से मजदूरी का काम किया और निकासी हुई
थाना में दिए आवेदन में उल्लेख किया है कि सदर ब्लॉक के नरोत्तमपुर पंचायत के विक्रमपुर गांव के रहने वाले मैमूर शेख और दादपुर पंचायत के कुसमाडांगा के रहने वाले अब्दुर रकीब ने अपनी अपनी पत्नियों के नाम से जॉब कार्ड बना लिया और जॉब कार्ड के माध्यम से मैमूर शेख ने अपनी पत्नी शबनम आरा के नाम से 4,634 रुपए और अब्दुर रकीब अपनी पत्नी नौशाबा परवीण के नाम से 30,940 रुपए की निकासी कर ली है।
जांच के दौरान चौंकाने वाले मामले सामने आये है।
इस पर जिला प्रसाशन के निर्देश पर प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा अजित कुमार टुडू ने मुफ्फसिल थाना में आवेदन देकर एफआईआर दर्ज कराया है। वहीं केस के अनुसंधानकर्ता एसआई अनंत कुमार साह भी ब्लॉक पहुंचकर बीपीओ और कंप्यूटर आपरेटर से जानकारी हासिल की। आपको बताते चले कि जॉब कार्ड मनरेगा मजदूर का बनता है और वैसे व्यक्ति जो मनरेगा के होने वाले काम में मजदूरी का काम करते हैं उसका भुगतान सीधे बैंक खाते में होती है। रोजगार सेवक बकायदा उसकी हाजरी बनाते हैं और फिर उसका पेमेंट काम के आधार पर होती है।
एफआईआर के बाद आमजनों को थोड़ी उम्मीद जगी…
ब्लॉक सूत्रों की माने तो आधा दर्जन पंचायत और रोजगार सेवकों पर पूर्व में भी एफआईआर और जांच हो चुकी है। इसके बावजूद एक-एक पंचायत सेवकों को पंचायत अलॉट किया जा चूका है। ऐसे में ईमानदारी पूर्वक कार्य की उम्मीद करना बेईमानी होगी। इधर जिले के उपायुक्त जिले की विकास गति देने के लिए रात दिन काम कर रहे है। परीक्षा परिणाम हो या मनरेगा का काम हो अवल स्थान पाने के लिए उपायुक्त सहित जिले के अधिकारी रात दिन जुटे हुए है। लेकिन वहीं जिले और प्रखंड को बदनाम करने के लिए पंचायतों के रोजगार सेवक, पंचायत सेवक, कनीय और सहायक अभियंता फजीर्वाड़ा करने में जुटे है । बहरहाल एफआईआर के बाद आमजनों को थोड़ी उम्मीद जगी है।