झारखंड की आवाज

असली आदिवासी कुडमी ही हैं, सरकार लगातार छल कर रही है: मांडू विधायक -

असली आदिवासी कुडमी ही हैं, सरकार लगातार छल कर रही है: मांडू विधायक

WhatsApp and Telegram Button Code
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

हजारीबाग/चरही // कुडमी समाज ने अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग को लेकर 20 सितंबर से रेल रोको आंदोलन की शुरुआत की है। इसका व्यापक असर हजारीबाग के चरही रेलवे स्टेशन पर देखने को मिल रहा है। सुबह से अब तक एक भी ट्रेन यहां से नहीं गुजर पाई है। पैसेंजर से लेकर मालगाड़ी तक सभी ट्रेनों का संचालन ठप हो गया है। आंदोलन में महिलाओं की भागीदारी विशेष रूप से देखने को मिली, जिन्होंने घरेलू कार्य निपटाकर रेलवे ट्रैक पर डटकर अपनी आवाज बुलंद की।

1931 से 1950 तक कुडमी समाज को आदिवासी सूची में शामिल किया गया था

मांडू विधायक निर्मल उर्फ तिवारी महतो भी आंदोलनकारियों के साथ ट्रैक पर बैठे नजर आए। उन्होंने कहा कि “असली आदिवासी कुडमी ही हैं, सरकार लगातार छल कर रही है। 1931 से 1950 तक कुडमी समाज को आदिवासी सूची में शामिल किया गया था, जिसे फिर से बहाल करने की मांग की जा रही है। ” विधायक ने केंद्र और राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कुडमी समाज की 100 वर्षों से जारी लड़ाई को नजरअंदाज किया गया है।

कुडमी एकता मंच और आदिवासी कुडमी समाज ने पहले ही चेतावनी दी थी कि झारखंड, बंगाल और ओडिशा के 100 स्टेशनों पर रेल रोको आंदोलन होगा। चरही स्टेशन पर मांडू, बड़कागांव और हजारीबाग क्षेत्र के लोग भारी संख्या में जुटे हैं। समाज का कहना है कि यह आंदोलन अनिश्चितकालीन रहेगा, जब तक मांग पूरी नहीं होती।

Leave a Reply