
Bokaro News// बोकारो उपायुक्त अजय नाथ झा ने शुक्रवार के दिन समाहरणालय परिसर में आयोजित जनता दरबार में लोगों की समस्या को सुन रहे थे। इसी बीच शांता मुखर्जी नामक महिला ने कांपती आवाज में बताया कि गांव के कुछ लोग उनके घर पर कब्ज़ा जमाने की कोशिश कर रहे हैं। आए दिन मारपीट, धमकी और बेघर करने की कोशिशों ने उन्हें इतना तोड़ दिया कि वह आत्महत्या जैसा कदम उठाने तक सोच बैठीं। यह सुनते हैं वहां मौजूद सभी गंभीर हो गए।
“जीवन सबसे बड़ा उपहार है, हार मानना समाधान नहीं।”
लेकिन ठीक उसी समय उपायुक्त अजय नाथ झा ने एक प्रशासनिक अधिकारी से बढ़कर एक इंसान की तरह उनका हाथ थाम लिया और उन्हें याद दिलाया… “जीवन सबसे बड़ा उपहार है, हार मानना समाधान नहीं।” उपायुक्त ने इस गंभीर विषय पर तुरंत प्रतिक्रिया दी और प्रतिक्रिया के साथ उन्होंने शांता को आश्वस्त कराया वह अकेली नहीं हैं, पूरा प्रशासन उनके साथ खड़ा है। बोकारो जिला प्रशासन हर समय उसके साथ खड़ी है। आगे डीसी ने कहा कि “तुम्हारा जीवन अनमोल है। मुश्किलें आती हैं, लेकिन हर अंधेरे के बाद उजाला जरूर होता है। अब तुम्हें मजबूत बनकर अपने परिवार और समाज के लिए आगे बढ़ना है।
डीसी ने ऑन द स्पॉट किया समाधान
उपायुक्त ने ऑन स्पॉट संज्ञान लेते हुए बेरमो एसडीपीओ और कसमार बीडीओ को तुरंत कार्रवाई का आदेश दिया। और आरोपितों को चेतावनी दी गई कि अगर शांता या उनके परिवार को खरोंच भी आयी तो प्रशासन सबसे कठोर कार्रवाई करेगा। साथ ही, अगले आदेश तक शांता अपने घर में ही रहेंगी और उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस और प्रशासन की होगी।
प्रशासन हर नागरिक की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करेगा
आत्म हत्या की बात करने वाली शांता ने खाई कसमजो शांता परेशान होकर अपनी जान देने के लिए तैयार थी वह अब डीसी के इस आश्वाशन और त्वरित कारवाई को देखते हुए उन्होंने कहा कि अब में कभी भी ऐसा कदम नहीं उठाऊंगी। DC ने सभा में मौजूद सभी लोगों से कहा… “जीवन संघर्षों से भरा है, लेकिन हर अंधेरे के बाद उजाला जरूर आता है। आत्महत्या समाधान नहीं, साहस और धैर्य ही असली रास्ता है। प्रशासन हर नागरिक की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करेगा।”