रांची आज झारखंड विधानसभा में विधायक प्रदीप यादव ने कई अहम मुद्दों को उठाया, जो अल्पसंख्यकों, शिक्षकों, बुनकरों और गरीबों से जुड़े हुए हैं।

उन्होंने सरकार से इन विषयों पर तत्काल ध्यान देने की मांग की।
मुख्य मुद्दे जो सदन में उठाए गए
MSDP (PMJVK) योजना में झारखंड की अनदेखी:
सच्चर कमिटी की अनुशंसा के तहत अल्पसंख्यक कल्याणार्थ चलाई जा रही केंद्रीय योजना MSDP (PMJVK) के तहत झारखंड सरकार ने पिछले 6 वित्त वर्षों से कोई प्रस्ताव नहीं भेजा, जिसके कारण केंद्र से फंड जारी नहीं हो रहा है। विधायक ने राज्य सरकार से इस मामले में शीघ्र पहल करने की मांग की।
उर्दू सहायक शिक्षक पदों की बहाली:
झारखंड में 4401 स्वीकृत पदों में से 3712 पद रिक्त हैं। विधायक ने मांग की कि इन पदों को प्राथमिक (कक्षा 1-5) और उच्च प्राथमिक (कक्षा 6-8) में विभाजित कर इंटर प्रशिक्षित वेतनमान के आधार पर बहाल किया जाए।
+2 विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति:
हाईकोर्ट (रिट याचिका 174/2018) के निर्देशानुसार +2 विद्यालयों में शिक्षकों की बहाली हेतु नए पदों का सृजन कर तत्काल भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए।
आलिम-फाजिल डिग्री परीक्षा व्यवस्था:
झारखंड में आलिम-फाजिल डिग्री की परीक्षा आयोजित करवाने के लिए बिहार मौलाना मजहरुल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय की तर्ज पर झारखंड में भी एक शेख भिखारी के नाम पर नई यूनिवर्सिटी स्थापित करने की मांग की गई।
साथ ही, रांची विश्वविद्यालय को तत्काल परीक्षा आयोजित करवाने का निर्देश देने की अपील की गई।
राजधानी रांची में अल्पसंख्यक छात्रावास निर्माण:
200-500 बेड का छात्रावास बनवाने का प्रस्ताव ताकि अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थियों को शिक्षा में सहूलियत मिल सके।
बुनकर समुदाय के लिए विशेष राहत:
झारखंड के बुनकरों की स्थिति सुधारने के लिए सहयोग समितियों को आर्थिक अनुदान और फ्री बिजली आपूर्ति का प्रावधान लाने की मांग की गई।
भूमिहीन गरीब मुस्लिमों को सरकारी भूमि का पट्टा
झारखंडी भूमिहीन मुस्लिमों को सरकारी भूमि का पट्टा आवंटित करने का अनुरोध किया गया, जिससे वे रहने और रोजगार के लिए स्थायी समाधान पा सकें।
मॉब लिंचिंग विधेयक को फिर से लागू करने की मांग
झारखंड में 2022 में पारित मॉब लिंचिंग विधेयक को राजभवन द्वारा वापस कर दिया गया था। विधायक ने सरकार से मांग की कि इस पर संशोधन प्रस्ताव लाकर इसे जल्द लागू किया जाए।
विधायक प्रदीप यादव ने अल्पसंख्यक कल्याण, शिक्षा, बुनकरों के अधिकार, भूमिहीन गरीबों और मॉब लिंचिंग जैसे संवेदनशील मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने मांग की है कि सरकार इन विषयों पर शीघ्र ठोस कदम उठाए, जिससे झारखंड के कमजोर और वंचित वर्गों को न्याय मिल सके।