रांची/ गोड्डा: झारखंड विधानसभा में आज विधायक प्रदीप यादव ने शिक्षकों से जुड़े एक महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाया।

उन्होंने कहा कि वह गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था के पक्षधर हैं, लेकिन किसी भी प्रकार की तानाशाही को स्वीकार नहीं किया जा सकता।मामला गोड्डा जिले का है, जहां 1400 से अधिक प्रधानाध्यापकों का एक दिन का वेतन इसलिए काट लिया गया क्योंकि वे 10:30 बजे तक मिड-डे मील में उपस्थित छात्रों की संख्या का संदेश जिला मुख्यालय को नहीं भेज पाए थे।ग्रामीण क्षेत्रों में छात्र कभी-कभी देर से स्कूल पहुंचते हैं, जिससे 10:30 बजे तक रिपोर्ट भेजना कठिन हो जाता है। इस पर विधायक प्रदीप यादव ने सवाल उठाते हुए कहा कि यदि शिक्षकों से कोई चूक हुई थी, तो शिक्षा विभाग को पहले उनसे स्पष्टीकरण मांगना चाहिए था। बिना किसी पूर्व सूचना के वेतन कटौती करना तानाशाही का परिचायक है।विधायक ने सरकार से मांग की है कि इस विषय को गंभीरता से लिया जाए और संबंधित शिक्षकों को न्याय मिले। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की नीतियों से शिक्षकों का मनोबल प्रभावित होता है, जो शिक्षा व्यवस्था के लिए हानिकारक है।