देवघर आसनसोल मंडल में स्थित शंकरपुर रेलवे स्टेशन का अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत कायाकल्प किया गया है। इस परिवर्तित स्टेशन का उद्घाटन 22.05.2025 को प्रधानमंत्री द्वारा किया जाएगा, जो भारतीय रेलवे के चल रहे आधुनिकीकरण प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

अमृत भारत स्टेशन योजना का उद्देश्य देश भर के रेलवे स्टेशनों का नवीनीकरण करना है, ताकि उन्हें आधुनिक यात्री सुविधाओं, बेहतर सौंदर्य और उन्नत बुनियादी ढांचे के साथ भविष्य के लिए तैयार किया जा सके। इस पहल के हिस्से के रूप में, शंकरपुर स्टेशन का यात्री आराम, पहुंच और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करते हुए व्यापक बदलाव किया गया है। झारखंड में हावड़ा-पटना मेन लाइन पर स्थित पूर्व रेलवे क्षेत्र का शंकरपुर रेलवे स्टेशन, जिसे एनएसजी-6 स्टेशन के रूप में वर्गीकृत किया गया है, अमृत भारत स्टेशन योजना (एबीएसएस) के तहत महत्वपूर्ण परिवर्तन का अनुभव कर रहा है। इस पहल का उद्देश्य व्यापक अवसंरचनात्मक संवर्द्धन के माध्यम से यात्रियों को विश्व स्तरीय यात्रा अनुभव प्रदान करना है।
पुनर्विकास की मुख्य विशेषताएं
शंकरपुर स्टेशन पर पुनर्विकास परियोजना में यात्रियों की सुविधा, पहुंच और समग्र स्टेशन सौंदर्य को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किए गए कई प्रमुख उन्नयन शामिल हैं
दूसरे प्रवेश द्वार के साथ नया स्टेशन भवन: एक आधुनिक स्टेशन भवन का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें दिव्यांगजनों (विकलांग व्यक्तियों) के सुविधाओं सहित टिकट काउंटर, प्रतीक्षा क्षेत्र और शौचालय की सुविधाएँ होगी।
संवर्धित सर्कुलेटिंग क्षेत्र: स्टेशन के आस-पास के क्षेत्र में यात्रियों और वाहनों की निर्बाध आवाजाही की सुविधा के लिए स्टेशन के सर्कुलेटिंग क्षेत्र को ऑप्टिमाइज़ किया जा रहा है।

उद्यान (बगीचा) एवं भूनिर्माण यात्रियों के लिए एक शांत और आकर्षक माहौल बनाने के उद्देश्य से आस-पास के क्षेत्रों को हरा भरा किया जा रहा है तथा भूनिर्माण के लिए सामग्रियां लाई जा रही हैं।
आर्किटेक्चरल प्रवेश द्वार: स्टेशन के लिए एक आइकॉनिक और वेलकमिंग प्रवेश द्वार उपलब्ध कराने के लिए समकालीन डिजाइन सामग्रियों के साथ आर्किटेक्चरल रूपांकनों को मिलाकर एक नया प्रवेश द्वारा बनाया जा रहा है।
₹7.77 करोड़ की अनुमानित लागत से होगा पुनर्विकास
आधुनिक शौचालय सुविधाएँ: आधुनिक शौचालय सुविधाओं के कार्यान्वयन के माध्यम से स्वच्छता, परिशुद्धता और उपयोगकर्ता के सुविधा पर जोर दिया जा रहा है।
दिव्यांगजनों के अनुकूल बुनियादी ढांचा: स्टेशन में सभी यात्रियों के लिए समावेशिता सुनिश्चित करने के लिए रैंप, मार्गदर्शक स्पर्श और सुलभ शौचालय बनाए जायेंगे।
प्लेटफ़ॉर्म विस्तार और विकास: बढ़ते यात्री यातायात को समायोजित करने और आश्रय प्रदान करने के लिए दो नए प्लेटफ़ॉर्म शेड के निर्माण सहित प्लेटफ़ॉर्म को 100 मीटर तक और बढ़ाया जा रहा है तथा चौड़ा किया जा रहा है। शंकरपुर स्टेशन का पुनर्विकास ₹7.77 करोड़ की अनुमानित लागत से किया जा रहा है, जिसमें सिविल, इलेक्ट्रिकल, सिगनलिंग और दूरसंचार कार्य, साइनेज और अन्य आवश्यक अवयव शामिल हैं। यह परियोजना अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत एक बड़ी पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य पूरे भारत में 1,300 से अधिक रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास करना है।

अमृत भारत स्टेशन योजना(एबीएसएस) का लक्ष्य यात्री सुविधाओं को बढ़ाना, स्टेशन तक पहुँच में सुधार करना और स्टेशन के डिज़ाइन में स्थानीय संस्कृति और वास्तुकला को एकीकृत करना है। इस योजना का उदेद्श्य बुनियादी ढाँचे और सुविधाओं को उन्नत करके देश भर के यात्रियों के लिए अधिक आरामदायक और कुशल यात्रा अनुभव प्रदान है। शंकरपुर स्टेशन का कायाकल्प परिवर्तन भारतीय रेलवे की अपने बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने और यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। जैसे-जैसे पुनर्विकास के प्रयास जारी रहेंगे, यात्री अधिक सुलभ, आरामदायक और सौंदर्यपूर्ण रूप से सुखद स्टेशन वातावरण की उम्मीद कर सकते हैं, जो समकालीन मानकों को पूरा करता है और सभी यात्रियों की विविध आवश्यकताओं को पूरा करता है।