दुमका बासुकीनाथ धाम में आयोजित शिव पार्वती विवाहोत्सव संपन्न होने के बाद मर्याद एवं घुंघट की रस्म अदायगी के साथ भूतनाथ के बारातियों को सम्मान पूर्वक विदाई दी गई और इसके साथ ही चार दिवसीय महाशिवरात्रि महोत्सव का समापन हो गया।

बरसों से चली आ रही परंपरा के अनुसार महादेव पार्वती के विवाह के दूसरे दिन शिवजी के प्रतीक चिन्ह त्रिशूल को चांदी की पालकी में रखकर नगर भ्रमण कराया गया जिसके बाद एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाकर आज से होली की शुरुआत की गई। शिव पार्वती के वैवाहिक कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के बनारस से बाबा बासुकीनाथ धाम आकर वर्षों से शहनाई बजाने वाले शहनाई वादक काजीम हुसैन ने शहनाई की धुन बजाकर पूरी तरह श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया।

शहनाई वादक काजीम हुसैन ने बताया कि बाबा बासुकीनाथ के बुलावे पर लगातार बासुकीनाथ धाम आकर शहनाई बजाने का अवसर मिल रहा है जो हम अपने पारिवारिक सदस्यों के साथ यहां आकर शहनाई वादन कर रहे हैं और यहां आकर काफी सकून मिलता है। वहीं दुमका के अनुमंडल पदाधिकारी कौशल कुमार ने बताया कि बासुकीनाथ धाम में आयोजित महाशिवरात्रि महोत्सव का आज समापन हो गया।
सभी लोगों ने इस कार्यक्रम में सहयोग कि जिसके लिए सबों को धन्यवाद।