देवघर उपविकास आयुक्त पीयुष सिन्हा ने अपने कार्यालय प्रकोष्ठ में जलछाजन से सम्बंधित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा बैठक की l

बैठक में समेकित प्रयासों पर ज़ोर देने का निर्देश दिया गया । बैठक में सभी विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर जल छाजन से जुड़ी योजनाओं को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने की आवश्यकता पर बल दिया गया। सभी संबंधित विभागों को विगत पांच वर्षों में निर्मित जलाशयों की सूची तैयार करने तथा मत्स्य पालन, कृषि उत्पादन और रोज़गार सृजन को एक-दूसरे से जोड़ने हेतु ठोस कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया गया। समुदाय को जलाशयों से होने वाले लाभों की जानकारी देने के लिए व्यापक IEC (सूचना, शिक्षा एवं संचार) अभियान चलाने का निर्देश दिया गया। साथ ही यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया कि निजी भूमि पर बने जल संरचनाओं का लाभ भी सामुदायिक स्तर पर साझा किया जाए। समीक्षा के क्रम में यह भी निर्देश दिया गया कि जल छाजन से सम्बंधित विभिन्न आयामों जैसे आजीविका संवर्धन एवं विभिन्न स्थानीय क़ृषि उत्पादों के मूल्य संवर्धन पर भी कार्य किया जाय । साथ ही यह भी निर्देश दिया कि रागी के लड्डू, बिस्कुट आदि बनाने तथा उनकी आपूर्ति को स्वयं सहायता समूहों, आंगनबाड़ी केंद्रों, स्वास्थ्य केंद्रों व विद्यालयों से जोड़ें । समस्त कार्यों को आजीविका आधारित और लक्ष्य आधारित बनाकर समुदाय के बीच वास्तविक लाभ पहुंचाने तथा साथ ही स्ट्रॉबेरी जैसे फसलों में परियोजना के पहले और बाद की आय का तुलनात्मक अध्ययन करने के निर्देश दिए गए। जिला स्तर पर जल स्तर की पूर्व एवं पश्चात माप सुनिश्चित करने, जल संकट वाले क्षेत्रों के कुओं में स्तर चिह्नित करने, वर्षा जल संचयन की योजना तैयार करने एवं निष्क्रिय जल मीनारों की पहचान कर भूजल पुनर्भरण से जुड़ी परियोजनाओं पर कार्य करने का निर्देश दिया गया।सभी विभागों को निर्देशित किया गया कि वे सफल परियोजनाओं की केस स्टडी तैयार कर प्रतिवेदन साझा करें। साथ ही, ब्लॉक एवं पंचायत स्तर पर प्रशिक्षण देने हेतु दक्ष टीमों का गठन करने का निर्देश दिया गया । अंततः, परियोजना के क्रियान्वयन से पूर्व कृषि विशेषज्ञों, कार्यान्वयन एजेंसियों एवं अन्य हितधारकों से उचित परामर्श लेने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया गया। इस समीक्षा बैठक में निदेशक,जिला ग्रामीण विकास शाखा देवघर, जिला अभियंता जिला परिषद देवघर, जिला भूमि संरक्षण पदाधिकारी, मनरेगा के परियोजना पदाधिकारी , प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के कार्यान्वयन अभिकरण, (PIA), विभिन्न NGO के प्रतिनिधि, कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) के वैज्ञानिक, तथा ABF उपस्थित थे।