Dumka Basukinath Temple झारखंड के सुप्रसिद्ध तीर्थ स्थल बाबा बासुकीनाथ धाम में इस वक्त विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला चल रही है ऐसे में श्रद्धालुओं को बासुकीनाथ मंदिर प्रांगण में आने नहीं दी जा रहा है जिस वजह से यहां के स्थानीय पंडा समाज के युवाओं को लगातार आर्थिक नुकसान पहुंच रही है।

युवाओं का कहना है कि हम लोग सावन के महीने में का इंतजार करते हैं ताकि अच्छी आमदनी हो और अपने घर परिवार का अच्छे से भरण पोषण कर सके मगर इस बार की प्रशासनिक व्यवस्था के कारण हम सभी को आर्थिक क्षति पहुंची है युवाओं का कहना है कि सावन के महीने में जो भी हम लोग कमाते हैं अगर पिछला कोई ऋण या उधर होता है उसे भी चुकाते हैं। कोई बीमार हो घर में तो इन्हीं जमे हुए पैसे से बेहतर इलाज करवाते हैं और साल भर इसी पैसे से अपनी जरूरत का सामान लेते हैं और परिवार का भरण पोषण करते हैं मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ नहीं होने के बाद भी प्रशासन द्वारा बैरिकेड किया जाता है जिस वजह से श्रद्धालु मंदिर प्रांगण में नहीं आ पाते हैं और हम सभी दुकानदारों को आर्थिक नुकशान पहुंचती है। कम से कम कुछ घंटे के लिए ही सही श्रद्धालुओं को मंदिर प्रांगण में आने दिया जाए ताकि हम लोगों को आर्थिक नुकसान न पहुंचे ।

पंडा समाज के युवाओं का कहना है कि हम लोगों ने कई बार अधिकारियों को अपनी समस्या की जानकारी दी मगर उन्होंने दिया तो सिर्फ और सिर्फ आश्वासन सावन के कई दिन बीत चुके हैं और सावन अंतिम चरण में है मगर अब तक हमारी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया। इसलिए आज हम लोग बहुत ही ज्यादा उम्मीद से सांसद निशिकांत दुबे और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपनी समस्याओं का समाधान के लिए गुहार लगा रहे हैं।
हम लोगों का जीविका का एकमात्र स्रोत बासुकीनाथ मंदिर ही है
युवाओं का कहना है कि आधे घंटे या 1 घंटे के लिए भीड़ को छोड़ा जाए ताकि हम लोगों के दुकान तक कावड़िया पहुँच सके और फिर भीड़ अधिक हो जाए तो 1 घंटे के लिए बैरिकेड कर दिया जाए और ऐसा प्रक्रिया को बार-बार किया जाएगा तो हम लोगो को आर्थिक नुकशान भी नहीं पहुंचेगी और प्रशासन को भी समस्या नहीं होगी मगर हम लोगों की गुहार कोई नहीं सुन रहा.. हम लोगों का जीविका का एकमात्र स्रोत बासुकीनाथ मंदिर ही है और ऐसे में हम लोगों के साथ इंसाफ नहीं किया जा रहा है आखिर हम लोग कहां जाएंगे हम लोगों के पास आमदनी का और दूसरा कोई स्रोत नहीं है..