संप चैंबर ने केंद्रीय कपड़ा मंत्री से देवघर में दिल्ली हाट की तर्ज पर बैद्यनाथ हाट तथा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलोजी (निफ्ट) की स्थापना की मांग की
देवघर संताल परगना चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, देवघर का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय कपड़ा मंत्री श्री गिरिराज सिंह से देवघर एयरपोर्ट के वीआईपी लाउंज में मिला।

मौके पर मंत्री जी के साथ खगड़िया के सांसद श्री राजेश वर्मा भी मौजूद थे। चैंबर के प्रतिनिधिमंडल में चेंबर अध्यक्ष आलोक मल्लिक, महासचिव रितेश टिबडेवाल, कोषाध्यक्ष प्रिंस सिंघल, कार्यकारिणी सदस्य संजय मालवीय और महेश लाठ शामिल थे। चैंबर ने कपड़ा मंत्री से देवघर के लिए दिल्ली हाट की तर्ज पर बैद्यनाथ हाट तथा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलोजी की स्थापना की मांग किया है। इस सन्दर्भ में ज्ञापन देते हुए चेंबर ने कहा है कि झारखण्ड राज्य की सांस्कृतिक राजधानी देवघर धार्मिक, आध्यात्मिक, पर्यटन, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं, उद्योग व व्यापार आदि के क्षेत्र में विकास की प्रबल संभावनाओं को समेटे काफी तेजी से विकसीत होने वाला प्रमुख शहर है। विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला सहित तीर्थ, अध्यात्म और पर्यटन के लिए सालोंभर यहां भारी संख्या में लोगों की लगातार आवाजाही होती है। परन्तु तीर्थ, धार्मिक और पर्यटन के लिए यहां आने वाले यात्रियों को अतिरिक्त समय बिताने, घुमने तथा स्थानीय हस्तशिल्प/आर्टिसन, कला और संस्कृति के दर्शन, प्रदर्शनी और खरीददारी के लिए कोई भी स्तरीय सुविधा उपलब्ध नहीं हैं। जबकि देश के कई धार्मिक और पर्यटन केन्द्रों में ऐसे कई स्थानीय बाजार तथा सांस्कृतिक केन्द्रों की सुविधा उपलब्ध होते हैं। संप चैंबर ने कपड़ा मंत्रालय के अंतर्गत प्रचलित योजना राष्ट्रीय हस्तशिल्प विकास कार्यक्रम के अंतर्गत बैद्यनाथ हाट के नाम से शहरी हाट के निर्माण की माँग की है जिसमें बिक्री के लिए स्टॉल, शिल्पकारों के लिए छात्रावास, सम्मेलन हॉल और गेस्ट हाउस, फूड कोर्ट, सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए मंडप व स्टेज, मीटिंग व सम्मेलन कक्ष, स्मारिका दुकान, स्टोर रूम और अत्याधुनिक शौचालय की सुविधा एक ही स्थान पर बनाए जाते हैं। चैंबर का मनना है कि इससे यहां आने वाले यात्रियों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी अनेक फायदे होंगे। इससे जहां स्थानीय हस्तशिल्पियों को प्रशिक्षण, उत्पादों की बिक्री और प्रदर्शनी का लाभ मिलेगा, वहीं स्थानीय कला एवं संस्कृतिप्रेमियों को भी उनकी कलाओं को समृद्ध करने, प्रदर्शित करने और सांस्कृतिक आयोजनों के लिए मंच मिलेगा। यह निवेशकों को आकर्षित करेगा, स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा और फैशन, कपड़ा और संबद्ध उद्योगों में रोजगार के अवसर पैदा करेगा। उपरोक्त दोनों मांगों पर श्री गिरिराज सिंह ने चैंबर को सकारात्मक आश्वासन देते हुए कहा है कि आप की मांगों पर भारत सरकार निश्चित रूप से पहल करेगी।