दोनों गाड़ी दौड़ रही है सड़कों पर
हजारीबाग डीटीओ कार्यालय हमेशा सुर्खियों में रहता है. इस बार यह सुर्खी इस कारण बटोर रहा है कि इसी कार्यालय से दो गाड़ी का एक ही रजिस्ट्रेशन नंबर जारी हो गया है।

इसके बाद पूरे कार्यालय में अफरा तफरी और जांच का माहौल है. जिला परिवहन पदाधिकारी से लेकर एमवीआई तक जांच कर रहे हैं कि आखिर यह हुआ कैसे.झारखंड में हर कुछ संभव है. आलम यह है कि सड़क पर एक ही नंबर की दो स्कॉर्पियो गाड़ी घूम रही है. दोनों गाड़ी का चेचिस नंबर और इंजन नंबर भी एक ही है ।

.ऐसे में यह कैसे हुआ है यह चर्चा का विषय बना हुआ है. पदाधिकारी से लेकर कर्मी तक इस उलझन को सुलझाने के लिए लगे हुए हैं. दरअसल हजारीबाग के रहने वाले सत्येंद्र नारायण सिंह 2016 में स्कॉर्पियो गाड़ी खरीदें । उनके बेटे को रांची जाना था. उन्होंने दो दिन पहले गाड़ी का प्रदूषण का कागज बनाया।
जब कागज बनाया गया तो पता चला कि जो गाड़ी उनका है, वह किसी सचिन दास के नाम पर रजिस्टर्ड है. ऐसे में उनका होश उड़ गया कि आखिर उनके गाड़ी का मालिक दूसरा व्यक्ति कैसे बन गया है. उन्होंने इसकी सूचना डीटीओ कार्यालय को दी .यही नहीं सदर थाना को भी इसकी जानकारी दी गई .बताया जाता है कि जिले के वरीय एक पदाधिकारी को भी इसकी सूचना दी गई .इसके बाद जिला परिवहन कार्यालय सक्रिय हुआ . यहां सवाल यह खड़ा होता है कि हजारीबाग डीटीओ कार्यालय से कैसे दूसरे गाड़ी का रजिस्ट्रेशन हो जाता है और वह गाड़ी किसी और के पास है. भुक्त भोगी ने अपने स्तर पर भी इसकी जांच की है .जांच करने के बाद यह पता चला है कि हजारीबाग डीटीओ कार्यालय से ही दस्तावेज बना है और वह गाड़ी रांची की सड़कों पर घूम रहा है. सचिन दास किसी अस्पताल में वार्ड बॉय का काम करते हैं. मुक्त भोगी ने यह बताया कि दोपहर से ही कार्यालय में है।
वरीय पदाधिकारी मामले की कर रहे जांच
वरीय पदाधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं। जांच के दौरान यह पता चला है कि दोनों गाड़ी का चेचिस नंबर और इंजन नंबर भी एक ही है. जाली आरसी बुक निकालकर गाड़ी किसी अन्य व्यक्ति ने अपने नाम पर करवा लिया है.मुक्त भोगी परिवार इस बात को लेकर चिंतित है कि दूसरे गाड़ी से कहीं अपराध हो जाए तो पुलिस उन्हें परेशान भी कर सकती है। उनका यह भी कहना है कि हाल के दिनों में हजारीबाग समेत पूरे झारखंड में अपराधी चोरी और अवैध गाड़ियों का उपयोग कर रहे हैं। अगर यह गाड़ी अपराधियों के हाथ लग जाए तो एक बड़ी मुसीबत हो सकती है ।
जिला परिवहन पदाधिकारी ने कहा जानकारी मिली है….
इसे देखते हुए परिवहन कार्यालय में अपनी अर्जी लगवाने के लिए पहुंचे हैं। हजारीबाग के जिला परिवहन पदाधिकारी बैजनाथ कामिनी को बताया कि एक ही नंबर के दो गाड़ी चल रहा हैं। इसकी जानकारी मिली है. आवेदन भी दिया गया है. जिसका रजिस्ट्रेशन हजारीबाग से किया गया है. इस पूरे मामले की जांच की जा रही है. एक गाड़ी कार्यालय परिसर में है। दूसरे गाड़ी को बुलवाया जा रहा है। इस पूरे मामले में जांच टीम गठित की गई है। गाड़ी जप्त करके हजारीबाग लाया जाएगा। इसके बाद ही कुछ विशेष कहा जा सकता है। यह भी बताया जाता है कि जब कोई गाड़ी का रजिस्ट्रेशन होता है या फिर गाड़ी बेचा जाता है तो दोनों पक्षों को कार्यालय आना होता है। परिवहन पदाधिकारी को यह आजादी है कि वह दोनों पक्ष को बुलाया या ना बुलाए। हाल के दिनों में यह परिपाटी की शुरुआत की गई है कि नाम बदलने पर दोनों पक्षों को बुलाया जाए और उनका फोटो भी लिया जाए.