
रांची झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मौसी के संस्थापक प्रधान सचिव पुष्कर महतो ने कहा कि झारखंड विधानसभा सत्ता पक्ष गैलरी से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस पार्टी के नेता पंडित विनोदानंद झा की पोर्ट्रेट को यथाशीघ्र हटाया जाए। श्री महतो सोमवार को पंडित विनोदानंद झा की तस्वीर को विधानसभा सत्ता पक्ष गैलरी से हटाने की मांग एक प्रेस बयान जारी करते हुए की। उन्होंने कहा कि विनोदानंद झा एवं श्री कृष्णा सिंह वगैरह के कारण ही 1956 में मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा को गुमराह कर झारखंड अलग राज्य निर्माण में बाधा बनने का काम किए थे। 1956 में राज्य पुनर्गठन आयोग की टीम झारखंड अलग राज्य निर्माण के लिए रिपोर्ट लेने आई थी तो पंडित विनोद आनंद झा एवं श्री कृष्णा सिंह ने मारंग के जयपाल सिंह मुंडा को दूरभाष के द्वारा तात्कालिक प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा बुलाने की खबर देकर उन्हें गुमराह कर दिया था. जयपाल सिंह मुंडा को पंडित जवाहरलाल नेहरू से मिलने के बाद पता चला कि उन्हें पंडित विनोदानंद झा एवं श्री कृष्ण सिंह ने गुमराह किया है। वे रांची झारखंड आते हैं तब तक राज्य पुनर्गठन आयोग की टीम दिल्ली वापस लौट गई थी। यह झारखंड के लिए बहुत बड़ी क्षति हुई थी । ऐसे झारखंड अलग राज्य के विरोधी का झारखंड विधानसभा सत्ता पक्ष के गैलरी में पोट्रेट लगाना झारखंड आंदोलनकारियों व झारखंडियों के लिए सबसे दुखद है। विधानसभा अध्यक्ष एवं सदन के नेता यथाशीघ्र इस पर कार्रवाई करें। उन्होंने मांग की कि झारखंड विधानसभा परिसर में झारखंड आंदोलनकारी कॉरिडोर का निर्माण हो और दिशोम गुरु शिबू सोरेन, मातंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा, एन ई होरो, विनोद बिहारी महतो निर्मल महतो टेकलाल महतो शक्ति नाथ महतो विसुन महतो, सी पी तिर्की, अजीत तिग्गा, कॉ महेन्द्र सिंह, बागुन सुम्बराई, समरेश सिंह, कार्तिक उरांव, ज्ञान रंजन, दुती पाहन सहित एक-एक झारखंड आंदोलनकारियों की प्रतिमाएं लगाई जाए।