
देवघर बाबा नगरी देवघर अपने आप में जहां एक तरफ विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल द्वादश ज्योतिर्लिंग के रूप में जाना जाता है तो वहीं बाबा बैधनाथ की नगरी अपने आगोश में कई तरह के धर्मिक परम्पराओं को समेटे हुए है। अभी श्रावणी मेला चल रहा है और प्रत्येक दिन लाखों की संख्या में कांवरिया भक्त पहुंच रहें हैं। परंपरा के अनुसार जहां तड़के सुबह बाबा की “कांचा” जल पूजा की जाती है, तो वहीं संध्या के समय बाबा का श्रृंगार पूजा होता है। इसी क्रम में सोमवार की देर रात को केन्द्रीय कारा के जेलर प्रमोद कुमार के द्वारा बाबा बैधनाथ की श्रृंगार पुष्प मुकुट लेकर मंदिर की ओर प्रस्थान किए। यह बहुत ही पौराणिक परंपरा है। बाबा का मुकुट शहर के कुछ एरिया में भ्रमण करने के बाद मंदिर पहुंचाया जाता है। बताते चलें यह मुकुट कैदियों द्वारा प्रत्येक दिन संध्या श्रुंगार पूंजा के लिए नाग पुष्प मुकुट तैयार किया जाता है।

बताते चलें कि श्रावण मास के पहली सोमवार होनें के कारण कांवरियों की अप्रत्यासित भीड़ थी और महादेव का श्रृंगार देर रात लगभग बारह बजे के आसपास किया गया। वहीं मुकुट के मंदिर पहुंचाने के क्रम में डीएसपी विरेन्द्र कुमार राम व डीएसपी दिपक कुमार मौजूद थे , साथ में जेल मंदिर के पुजारी, सेवक, कक्षपाल, काराकर्मी आदि बम भोले का जयकारा लगाते हुए बाबा बैधनाथ मंदिर प्रांगण पहुंचे जहां फिर बाबा का भव्य श्रृंगार पूजा किया गया। वैसे यह प्रत्येक दिन की व्यवस्था है पर श्रावण मास में इसकी महत्व ही कुछ ओर होती है।