देवघर जिले में पालोजोरी प्रखंड के बड़िया मोड़ गांव की रहने वाली हैं। वह सरस्वती सखी मंडल की सदस्य हैं। कभी सीमित अवसरों में रहने वाली मीना आज एक बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट सखी (बीसी सखी) और कॉमन सर्विस सेंटर ऑपरेटर के रूप में कार्य कर रहीं हैं।

2023 में बीसी सखी बनने के बाद, मीना ने ग्रामीणों को घर बैठे बैंकिंग सुविधा देना शुरू किया। वह नकद निकासी, जमा, बैलेंस चेक जैसी सेवाएं देती हैं और मंईयां सम्मान योजना, वृद्धा पेंशन, पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना जैसे सरकारी योजनाओं के फॉर्म भी भरती हैं।मीना जरूरतमंदों को घर-घर जाकर सेवाएं भी देती हैं, जिससे बुजुर्ग और महिलाएं बिना बैंक जाए अपने काम करवा पाते हैं।

हर महीने वह 600 से 1000 ट्रांजेक्शन करती हैं, जिनकी कुल राशि ₹10–12 लाख तक पहुंचती है। इस काम से वह ₹15,000 से ₹20,000 तक की मासिक आय अर्जित करती हैं, जिससे उनका परिवार आत्मनिर्भर बना है। मीना के पति कंप्यूटर ट्रेनिंग सेंटर चलाते हैं। दोनों मिलकर गांव में डिजिटल जागरूकता फैला रहे हैं। मीना की कहानी इस बात का प्रमाण है कि अगर अवसर और जानकारी मिले तो ग्रामीण महिलाएं भी वित्तीय और डिजिटल क्षेत्र में नेतृत्व कर सकती हैं।