
देवघर 25 की उम्र में अपनी मेहनत की स्याही से सफलता की कहानी लिखने वाले देवघर जिले घोरलास निवासी विशाल आनंद के ने अपनी सफलता पर बहुत ही सुन्दर सा वाक्य बोला उन्होंने कहा कि पढ़ाई में जब भी मन ना लगे तो अपनी परिवार के उन आंखों को जरूर देख लेना जिन आंखों में आंसुओं के साथ-साथ एक आस भी है तुम्हारी सफलता का।
जीपीएससी के एग्जाम में पहले अटेंप्ट में मारी बाजी
दरअसल शुक्रवार की सुबह सुबह जेपीएससी ने फाइनल रिजल्ट जारी किया है, जिसमे 342 छात्र छात्राओं ने बाजी मारी है। इन 342 छात्र-छात्राओं में एक नाम देवघर जिले के विशाल आनंद का भी है।यह नाम थोड़ा खास है खास इसलिए क्योंकि जीपीएससी के एग्जाम मे पहले ही बारी मे बाजी मारी है।
जेपीएससी में 148 रैंक लाकर बोले….
विशाल आनंद ने बात चित करते हुए कहा कि जब से पढ़ाई की शुरुआत की है तब से ही बस एक ही सपना था की आगे चल कर यूपीएससी या स्टेट पीसीएस निकालकर कोई बड़ा अधिकारी बनना है और आज वह सपना पूरा हुआ। जेपीएससी में 148 रैंक लाकर वह बेहद खुशी महसूस कर रहे हैं। 2020 से ही यूपीएससी और स्टेट पीसीएस की तैयारी में जुट चुका था। इसके बाद प्रत्येक दिन मेहनत करता गया और अंतिम 5 साल के बाद सफलता मिल ही गयी। सफलता की कहानी बताते हुए विशाल आनंद ने कहा की वह रोजाना अच्छे से 8 घंटे की पढ़ाई करता था.क्युकी पढ़ाई मे स्थिरता बेहद जरूरी है। बिना स्थिरता के आपको सफलता मिलनी थोड़ी मुश्किल हो सकती है। विशाल आनंद के पिता ओंकार राय एक प्राइवेट स्कूल के शिक्षक हैं और माता बेबी देवी गृहणी है। विशाल आनंद ने अपनी सफलता के पीछे अपने माता-पिता, दादा दादी सहित पूरे परिवार के साथ अपने दोस्तों को दिया है।विशाल आनंद का मानना है कि इन लोगों के बिना मेरी सफलता अधूरी है।