रांची कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, आतंकवादियों को माक़ूल जवाब देने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी एवं केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए हर सख़्त कदम का न केवल पूर्ण समर्थन करती है, बल्कि हर मोर्चे पर उसके साथ खड़ी है।

आतंकवाद के विरुद्ध देश की एकता और सुरक्षा के लिए कांग्रेस की प्रतिबद्धता अटल है। लेकिन साथ ही, जवाबदेही भी उतनी ही आवश्यक है। ऐसी दुखद घटनाओं के बाद, यह आवश्यक है कि सामने आई विफलताओं की ईमानदारी से समीक्षा हो और जिम्मेदारों की जवाबदेही तय की जाए। जम्मू-कश्मीर, एक केंद्र शासित प्रदेश है जिसकी सुरक्षा की संपूर्ण जिम्मेदारी केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन आती है। जब पहले से खुफिया अलर्ट था कि नागरिकों पर हमला हो सकता है, तो आखिर गृह मंत्रालय द्वारा क्या ठोस एहतियाती कदम उठाए गए ? ऐसे कई प्रश्न हैं जो उत्तर माँगते हैं : पहलगाम जैसे संवेदनशील और चर्चित पर्यटक स्थल पर, जहाँ तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था होने का दावा था, उस दिन कोई सुरक्षा क्यों नहीं थी? वहाँ एक भी सुरक्षाकर्मी क्यों तैनात नहीं था? इंडियन नेवी के एक अधिकारी, जो शहीद हुए, उनकी बहन का यह कहना कि वे डेढ़ घंटे तक घायल अवस्था में जीवित थे, लेकिन कोई प्रशासनिक मदद नहीं पहुँची, यह बेहद चिंताजनक और संवेदनहीन लापरवाही को उजागर करता है। आतंकियों द्वारा किये गए इस नापाक हमले का इरादा बिलकुल साफ़ था- देश की अखंडता को चोट पहुँचाना, सामाजिक ताने-बाने को तोड़ना, और विशेष रूप से हिंदुओं को निशाना बनाकर नफरत की दीवार खड़ी करना। ऐसे समय में, जब हमें एकजुटता का परिचय देना चाहिए, दुर्भाग्यवश कुछ भाजपा नेताओं और सांसदों के बयान इस नापाक मंशा को ही बल देते नज़र आते हैं। उनका शब्द-चयन न केवल शर्मनाक है, बल्कि राष्ट्रीय एकता के लिए खतरनाक भी।ऐसे नफरत पसंद लोगो को यह भी देखना चाहिए की घटना स्थल पर स्थानीय लोगों ने जिस वीरता और मानवता का परिचय दिया, वह प्रेरणास्पद है। एक कश्मीरी घोड़ा चालक आतंकियों से भिड़ते हुए शहीद हो गया, एक अन्य युवक ने घायल यात्री को अपनी पीठ पर लादकर सुरक्षित स्थान पहुँचाया। ऐसे उदाहरण दिखाते हैं कि भारत की आत्मा अभी भी ज़िंदा है, वह आत्मा जो धर्म, जाति और भाषा से परे, इंसानियत में विश्वास रखती है। ऐसे आतंकियों से और राजनैतिक गिद्धों से हमें सतर्क भी रहना होगा और संवेदनशील भी।किसी भी आतंकी घटना को आधार बनाकर पूरे समुदाय को दोषी ठहराना, भारत की परंपरा और मूल्यों के विपरीत है। यह सोच न केवल भ्रामक है, बल्कि आतंकियों की मंशा को ही पूरा करती है।हम सबका आह्वान है, आइए, हम सभी शांतचित्त होकर इन मुद्दों पर विचार करें। देश की एकता को मज़बूत करने के लिए संकल्प लें और नफरत के सौदागरों की चालों को विफल करें।भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस हमेशा से आतंकवाद और हिंसा के खिलाफ दृढ़ता से खड़ी रही है। गांधी परिवार की कई पीढ़ियाँ देश की रक्षा में अपना सर्वस्व न्योछावर कर चुकी हैं, यह बलिदान आज भी हमारी प्रेरणा है। आज जब देश एक और दर्दनाक घटना से गुज़र रहा है, कांग्रेस का रुख स्पष्ट है, सुरक्षा में चूक की समीक्षा हो, ज़िम्मेदारी तय हो, और भारत की आत्मा- एकता, भाईचारा और साहस हमेशा अडिग बनी रहे।